रपटीली राहों से होकर गुजरती है नीतीश की राजनीति! फिर राजभवन गए बिहार के मुख्यमंत्री

पटना

बिहार राजभवन से नीतीश कुमार का रिश्ता आमतौर पर ‘मधुर’ रहा है। पिछले 18 साल से बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार की राजभवन से कभी भी खटपट नहीं हुई, चाहे राज्यपाल जो भी रहें। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रेसीडेंट बनने से पहले बिहार के गवर्नर थे। नीतीश कुमार से उनके अच्छे संबंध हैं। नीतीश कुमार ने तो यहां तक दावा किया था कि कोविंद को राष्ट्रपति बनाने के लिए उन्होंने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नाम सुझाया था। रामनाथ कोविंद जब बिहार दौरे पर आए तो नीतीश कुमार उनसे मिलने राजभवन चले गए। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से भी उनकी मुलाकात हुई।

बिहार दौरे पर आए थे रामनाथ कोविंद
वैसे, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नालंदा में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए बिहार आए थे। वैशाली फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी का आयोजन राजगीर के नालंदा विश्वविद्यालय में किया गया है।पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेंकर के साथ इस कार्यक्रम में 9 देशों के 19 प्रतिनिधि, कई देशों के राजदूत और उच्चायुक्त शामिल हुए। असम के सीएम हिमंत विस्वा सरमा भी इस कार्यक्रम में शिरकत किए।

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ कमेटी के अध्यक्ष हैं कोविंद
खास बात ये कि जब नीतीश कुमार ने जुलाई 2017 जब लालू प्रसाद यादव का साथ छोड़ा था तब रामनाथ कोविंद ही बिहार के राज्यपाल थे। काफी आसानी से नीतीश कुमार ने सब कुछ मैनज कर लिया था।फिलहाल, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में ही देश में ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के लिए एक कमेटी केंद्र सरकार ने बनाई है। ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के लिए कमेटी बनने के बाद पूर्व राष्ट्रपति कोविंद का ये पहला बिहार दौरा था। नीतीश कुमार ने राजभवन में रामनाथ कोविंद को शॉल भेंट कर सम्मानित किया। .

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