संविधान से क्‍या इंडिया शब्‍द हटना चाहिए? देश के नाम पर सर्वे में लोगों ने दिया यह जवाब

नई दिल्‍ली

‘इंडिया’ बनाम ‘भारत’ विवाद गरमाया हुआ है। विपक्ष का आरोप है कि जब से उसने अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A रखा है तभी से सरकार संविधान से ‘इंडिया’ शब्‍द को हटाने पर आमादा है। इसी कोशिश के मद्देनजर जी20 सम्‍मेलन में राष्‍ट्रपति की ओर से रात्रिभोज के लिए मेहमानों को भेजे गए निमंत्रण पर ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया। प्रधानमंत्री ने भी अपने नाम के आगे ‘प्राइम मिनिस्‍टर ऑफ भारत’ लिखा। अब इसे लेकर सी-वोटर ने इंडिया टुडे के साथ एक सर्वे किया है। सर्वे में इस सवाल पर प्रतिक्रिया ली गई है कि क्‍या संविधान से इंडिया शब्‍द हटना चाहिए? इसके अलावा यह जानने की भी कोशिश की गई है कि देश का नाम भारत हो या इंडिया या फिर अभी की तरह दोनों नामों से इसे जाना जाए।

संविधान से क्‍या इंडिया शब्‍द हटना चाहिए? इस सवाल के जवाब में कुल 35.7 फीसदी ने ‘हां’ में जवाब दिया। वहीं, 50.7 फीसदी ने कहा कि ‘इंडिया’ शब्‍द संविधान से नहीं हटना चाहिए। वहीं, 13.6 फीसदी का कहना था कि वे इस बारे में कुछ कह नहीं सकते।

देश का नाम क्‍या होना चाहिए?
जब पूछा गया कि देश का नाम क्‍या हो? तो कुल 11 फीसदी ने ‘इंडिया’ के पक्ष में अपनी राय दी। कुल 50 फीसदी ने कहा कि देश का नाम ‘भारत’ होना चाहिए। वहीं, 38.6 फीसदी बोले कि संविधान में मौजूदा व्‍यवस्‍था के तहत दोनों होने चाहिए।

क्‍या गठबंधन की वजह से इंडिया शब्‍द हटाने की कोशिश?
सर्वे में तीसरा अहम सवाल यह पूछा गया कि क्‍या I.N.D.I.A गठबंधन की वजह से इंडिया शब्‍द को हटाने की कोशिश की गई? इसके जवाब में 34.2 फीसदी ने ‘हां’ में जवाब दिया। 41.7 फीसदी ने इसका उत्‍तर न में दिया। वहीं, 24.1 फीसदी इस बारे में कुछ नहीं कह सके।

पिछले कुछ समय से लगातार इंडिया बनाम भारत विवाद लगातार चर्चा में है। जी20 सम्‍मेलन के बाद इसने और ज्‍यादा तूल पकड़ लिया। जी20 सम्‍मेलन में शिरकत करने आए मेहमानों को राष्‍ट्रपति की ओर से भेजे गए गाला डिनर के निमंत्रण पत्र में उन्‍हें ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के आगे भी ‘भारत’ शब्‍द दिखाई दिया।

About bheldn

Check Also

न्यायपालिका की पवित्रता vs राजनैतिक भावना: सीजेआई चंद्रचूड़ के घर पीएम मोदी की गणेश आरती पर भारी हंगामा

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के यहां …