सुपौल
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सियासत के केंद्र में हैं। इनके बयान पर इन दिनों खूब राजनीति हो रही है। रामचरितमानस को लेकर शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर महागठबंधन सरकार बीजेपी के निशाने पर है। दो दिन पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी चंद्रशेखर को नसीहत दी थी, इसके बावजूद वे बयान दे रहे हैं। सुपौल में मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर भगवान राम को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भगवान राम सपने में आए थे। सपने में उन्होंने कहा था कि देखो चंद्रशेखर… हमको इन लोगों ने बाजार में बेच दिया है। हमको बिकने से बचा लो। चंद्रशेखर ने कहा कि भगवान राम भी जाति व्यवस्था से कुपित थे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राम ने जूठे बेर खाकर संदेश दिया लेकिन आज शबरी के बेटों को मंदिर जाने से रोका जाता है।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने क्या कहा
दरअसल, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने सुपौल जिले के पिपरा के रामपुर गांव में शिक्षक नेता स्वर्गीय लक्ष्मी यादव की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने कहा कि भगवान राम उनके सपने में आये था। राम ने कहा कि देखो चंद्रशेखर… हमको इन लोगों ने बाजार बेच दिया है। हमको बिकने से बचा लो। यही कारण है कि हम कभी-कभार इस तरह की बातें कर देते हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि भगवान राम शबरी के जूठे बेर खाए थे। आज शबरी का बेटा मंदिर नहीं जा सकता। राष्ट्रपित और मुख्यमंत्री को मंदिर में जाने से रोक दिया जाता है। गंगाजल से धोया जाता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि भगवान राम ने शबरी का जूठा खाकर संदेश दिया था। भगवान ने सोचा था कि हम खा लेंगे तो दुनिया खाने लगेगी, लेकिन उन्हें अकेला छोड़ दिया गया। खाली धूप-पत्ती दिखाकर भगवान को छोड़ दिया जाता है। उनका अनुकरण नहीं किया जाता है।
मोहन भागवत पर भी खूब बोले चंद्रशेखर
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने इस दौरान कहा कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे। जाति व्यवस्था को खत्म करने का संदेश देकर चले गए। उन्होंने कहा कि हम तो केवल एक बार बोले। लेकिन मोहन भागवत ने दो बार बोले। लोग हमारी जीभ काटने के लिए 10 करोड़ का इनाम रख दिया। लेकिन मोहन भागवत के विरोध में किसी ने 10 रुपये का भी इनाम नहीं रखा।
करते रहेंगे शिक्षकों का सम्मान
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान करते रहेंगे। उनके मान-सम्मान को कभी भी ठेस नहीं पहुंचने देंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का नाम लिए बिना कहा कि ये अलग बात है कि कभी-कभार सिरफिरे लोग आ जाते हैं। कुछ कह कर चले जाएंगे। उस पर ध्यान नहीं देना है। ऐसे लोग सरकार का संदेश भी नहीं दे पाएंगे। सरकार का संदेश मुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री ही देंगे।