UP में बगैर ब्रिज कोर्स प्राइमरी मास्‍टर बने 20 हजार बीएड डिग्रीवाले मुश्किल में, यहां समझिए पूरी बात

लखनऊ

बेसिक शिक्षक भर्ती के लिए बीएड की डिग्री अमान्य कर दी गई है। ऐसे में बिना ब्रिज कोर्स के उत्‍तर प्रदेश के प्राइमरी स्‍कूलों में नौकरी कर रहे बीएड डिग्रीधारकों को चिंता सताने लगी है। विभाग इनको अब तक ब्रिज कोर्स नहीं करवा सका है। अब शिक्षक खुद ब्रिज कोर्स करवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन भर्ती को लेकर चल रहा विवाद इसमें रुकावट बन रहा है। बेसिक शिक्षक बनने के लिए बीटीसी (अब डीएलएड) ही शैक्षिक अर्हता है। समय-समय पर विशिष्ट बीटीसी के तहत बीएड डिग्रीधारकों को भी इसमें मौका दिया गया। इसके लिए उनको छह माह का विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग (ब्रिज कोर्स) करना जरूरी है। जब भी बीएड वालों को भर्ती में मौका दिया गया तो उनको जॉइनिंग से पहले छह माह का ब्रिज कोर्स करवाया गया। ऐसे ही 69,000 शिक्षक भर्ती की गई। इसमें भी बीटीसी के साथ बीएड वालों को मौका दिया गया। इनको बिना ब्रिज कोर्स करवाए सीधे जॉइनिंग दे दी गई। तब से नौकरी कर रहे हैं और पूरा वेतन मिल रहा है। इनकी संख्या करीब 20 हजार है।

अब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया है कि अब बीएड वाले शिक्षक भर्ती के लिए मान्य ही नहीं हैं। यह निर्णय भविष्य की भर्तियों पर लागू है। ऐसे में जो पहले से काम कर रहे हैं उन पर खास फर्क नहीं पड़ेगा। फिर भी जिनका पहले ही ब्रिज कोर्स हो चुका है और प्रक्रिया के तहत नौकरी कर रहे हैं, वे तो निश्चिंत हैं। जबकि 69 हजार शिक्षक भर्ती वाले बीएड डिग्रीधारियों को चिंता सताने लगी है कि ब्रिज कोर्स नहीं किया तो कहीं भविष्य में कोई दिक्कत न आ जाए। इसके लिए हाल ही में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ब्रिज कोर्स करवाने की मांग भी की है। महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्र ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एनसीटीई के नियम का हवाला देते हुए कहा है कि जल्द इनको ब्रिज कोर्स करवाया जाए।

ब्रिज कोर्स को लेकर ऐसे फंस पेंच
एनसीटीई का नियम पहले से है कि बीएड डिग्री वालों को बेसिक शिक्षक बनाया जाता है तो पहले छह माह का ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा। उसके बाद ही स्कूलों में तैनाती दी जाएगी। विभाग ने यहां नियमों को दरकिनार कर बिना ब्रिज कोर्स करवाए ही तैनाती दे दी। तब तो शिक्षकों को भी लगा कि उनको सीधे नौकरी मिल गई और उनकी ओर से भी कोई मांग नहीं उठी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उनको ये डर सता रहा है कि कहीं कोई आपत्ति न उठा दे। वहीं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की गई मांग पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने अब हाई कोर्ट का हवाला दे दिया है। सचिव ने लिखा है कि 69,000 शिक्षक भर्ती की मेरिट को लेकर ही हाई कोर्ट में केस चल रहा है। अगर मेरिट बदलती है तो उसमें भी वर्तमान के कई शिक्षकों की मेरिट बदलेगी। वर्तमान के कुछ शिक्षक बाहर हो सकते हैं और नए आ सकते हैं। ऐसे में हाई कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण अभी ट्रेनिंग नहीं करवाई जा सकती। दरअसल, विभाग का मानना है कि मेरिट बदली तो फिर नए वालों को फिर ब्रिज कोर्स करवाना पड़ेगा।

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