नई दिल्ली
कांग्रेस के दिग्गज नेता सज्जन कुमार को 1984 सिख विरोधी दंगे से जुड़े एक मामले में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू ने तीन सिखों की हत्या के मामले से उनको बरी कर दिया है। तीनों की हत्या सुल्तानपुरी इलाके में हुई थी। पुलिस ने सज्जन कुमार के साथ कुछ और लोगों को भी आरोपी बनाया था। लेकिन लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने साक्ष्यों और गवाहों पर गौर करने के बाद माना कि सज्जन कुमार इस मामले में बेकसूर हैं।
एक जमाने में सज्जन कुमार कांग्रेस के बड़े नेता थे। लेकिन सिख विरोधी दंगों में नाम आने के बाद से उनके कैरियर का ग्राफ नीचे गिरता चला गया। कोर्ट ने उनको एक मामले में सजा सुनाई तो जेल जाना पड़ गया। उसके बाद से वो कांग्रेस की राजनीति में हाशिए पर आ चुके हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में सज्जन कुमार को सिखों की हत्या से जुड़े एक दूसरे मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी। तब से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं।
1984 में सिखों के खिलाफ दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे। इंदिरा गांधी को उनके दो अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने गोलियों से छलनी कर दिया था। ये बात फैली तो सिखों को निशाना बनाया जाने लगा। बहुत से सिखों के घरों में लूट हुई तो कई को जान से भी मारा गया। माहौल जब शांत हुआ तो पुलिस ने छानबीन शुरू की। उस दौरान सज्जन कुमार का नाम सामने आया था।
हालांकि दंगों में नाम आने के बाद से ही सज्जन कुमार कांग्रेस की राजनीति में हाशिए पर आ गए थे। सज्जन कुमार से कांग्रेस ने दूरी बना ली थी। सज्जन कुमार को लेकर कांग्रेस की आलोचना हुई तो उन्होंने खुद ही राहुल गांधी को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। जिस कांग्रेस से सज्जन कुमार ने इस्तीफा दिया एक वक्त उसी पार्टी में उनकी तूती बोलती थी। दिल्ली की राजनीति में वह लंबे अरसे तक किंगमेकर की भूमिका में रहे।