नई दिल्ली,
बसपा सांसद दानिश अली पर बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के आपत्तिजनक बयान से सियासत गरमा गई है. बिधूड़ी के बयान की चौतरफा आलोचना के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी शुक्रवार को दानिश अली से मिलने उनके आवास पहुंचे. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल और सांसद इमरान प्रतापगढ़ी भी थे.
दानिश अली से मिलने के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से कहा कि नफरत के बजाार में मोहब्बत की दुकान खुल रही है. दानिश ने भी राहुल से मुलाकात के बाद भावुक होते हुए कहा कि उन्हें राहुल से मिलकर लगा कि वह अकेले नहीं है.राहुल मेरा हौसला बढ़ाने यहां आए थे. उन्होंने मुझसे कहा कि इन बातों को अपने दिल से मत लगाना और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना. मुझे उनकी बातों से राहत मिली और अच्छा लगा कि मैं अकेला नहीं हूं.
नफरत की दुकान संसद में खुल रही
दानिश अली ने कहा कि यह बयान मुझ पर नहीं बल्कि लोकतंत्र और संविधान पर हमला है. यह खेदजनक है कि नफरत की दुकानें सड़कों पर खुल रही हैं और अब अमृतकाल के दौरान नई संसद में भी खोली जा रही हैं. लोकसभा हमारा संरक्षक है.
बिधूड़ी पर कार्रवाई नहीं हुई तो….
बिधूड़ी के बयान से आहत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता और लोकसभा सांसद दानिश अली का कहना है कि अगर बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह लोकसभा सांसद की सदस्यता छोड़ने पर विचार करेंगे.दानिश अली ने कहा कि उन्होंने बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक पत्र लिखा है.
अली ने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि लोकसभा स्पीकर इस घटना पर कार्रवाई करेंगे. इस मामले में सबकुछ ऑन रिकॉर्ड है. हालांकि, अगर बिधूड़ी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया और अगर मेरे अधिकारों का संरक्षण नहीं किया गया तो मैं लोकसभा सदस्यता छोड़ने पर विचार करूंगा.लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखे इस पत्र में कहा गया है कि संसद की कार्रवाई के दौरान बिधूड़ी ने अपने भाषण में मेरे खिलाफ बेहद अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी की, जो लोकसभा रिकॉर्ड में दर्ज है.
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. तथ्य यह है कि यह लोकसभा स्पीकर के तौर पर आपके नेतृत्व में नई संसद में हुआ. मुझे सुरक्षा के लिए कहां जाना चाहिए? बिधूड़ी ने मेरे खिलाफ जिस आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया. वह पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए अपमानजनक है. यह पहली बार है जब किसी चुने गए सांसद के खिलाफ इस तरह की असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया गया है. मैं रात में सो नहीं सका, मेरी रूह कांप रही थी. जब एक सांसद इस तरह की स्थिति का सामना करता है तो आम आदमी के साथ क्या होता होगा?
दानिश अली ने कहा कि क्या हमें इसलिए चुना गया था? क्या इसलिए हमारे पूर्वजों ने आजादी के लिए अपना बलिदान दिया था? उन्होंने सिर्फ मेरा या मेरे अनुयायियों का अपमान नहीं किया बल्कि उन्होंने पूरे देश का अपमान किया है. देखते हैं कि क्या बीजेपी रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कोई एक्शन लेगी या नहीं या फिर उन्हें प्रमोट किया जाएगा या मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा.दानिश अली ने बिधूड़ी के बयान को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के व्यवहार पर भी असंतोष जाहिर किया. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री उठे और कहा कि उन्होंने कुछ सुना ही नहीं.
क्या हुआ था?
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में चंद्रयान-3 की चर्चा के दौरान बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजक शब्दों का प्रयोग किया था. विवाद बढ़ने पर बीजेपी ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है कि आखिर उनके खिलाफ पार्टी कार्यवाही क्यों नहीं करे? उन्हें पार्टी की अनुशासन समिति को 15 दिन में नोटिस का जवाब देना होगा.
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर को चिट्टी लिखकर रमेश बिधूडी की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. कांग्रेस ने मांग की है कि बिधूड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. सूत्रों के मुताबिक,रमेश बिधूड़ी से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बात की है. रमेश बिधूड़ी के मामले को बड़ी गंभीरता से लेते हुए स्पीकर ने नाराजगी जताते हुए रमेश बिधूडी को चेतावनी भी दी है कि भाषा की मर्यादा का ध्यान रखें. बिधूड़ी के इस बयान की तमाम विपक्षी दलों ने आलोचना की है.