NASA के सूर्ययान ने बनाए दो रिकॉर्ड, सूरज के सबसे नजदीक जाने और तेज गति के यान का

वॉशिंगटन,

NASA के पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज के चारों तरफ 17वां चक्कर लगाया. इस दौरान उसने दो रिकॉर्ड बना डाले. पहला तो ये कि वो सूरज के बेहद नजदीक गया. दूसरा उसकी स्पीड का. वह बहुत तेज गति में अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहा है.
सूरज के कितना नजदीक गया… पार्कर सोलर प्रोब सूरज की सतह से मात्र 72.60 लाख किलोमीटर दूरी से निकला.
कितनी स्पीड में चल रहा है… पार्कर सोलर प्रोब इस समय 6.35 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चल रहा है.

पार्कर सोलर प्रोब ने ये दोनों रिकॉर्ड दो दिन पहले यानी 27 सितंबर 2023 को बनाए हैं. तब वह सूरज के करीब 17वीं बार गया था. सूरज की सतह से यह अब तक की उसकी सबसे कम दूरी थी. इस यात्रा में शुक्र ग्रह (Venus) की ग्रैविटी ने मदद की. उसने 21 अगस्त 2023 को शुक्र के बगल से फ्लाईबाई किया था.

सेहत सही है पार्कर सोलर प्रोब की
शुक्र ग्रह की ग्रैविटी का फायदा उठाते हुए पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज के नजदीक जाकर दिखाया. तेज गति में वहां से निकल भी गया. नासा ने बताया है कि पार्कर सोलर प्रोब के सभी हिस्से सही सलामत हैं. उसकी सेहत ठीक है. सभी सिस्टम सही से काम कर रहे हैं. प्रोब 4 से 19 अक्टूबर के बीच धरती को अपने नए रिकॉर्ड का डेटा भेजेगा.

सौर तूफान में भी फंसा था पार्कर
कुछ दिन पहले ही एक वीडियो भी जारी किया गया था. जिसमें दिखाया गया था कि पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज से निकलने वाली सौर लहर को भी पार कर लिया. इस दौरान उसके कैमरे ने सौर लहर का वीडियो भी बनाया था. इस वीडियो में दिख रहा है कि कैसे पार्कर सोलर प्रोब के कैमरे के सामने से कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejection – CME) निकल रहा है. उसकी रगड़ से किस तरह की आवाज निकल रही है.

सौर तूफान बर्दाश्त कर गया था पार्कर
हैरानी इस बात की है कि वह इस सौर लहर में खुद को सुरक्षित बचा ले गया. साथ ही उसने फोटो ली और वीडियो भी बनाया. जॉन्स हॉपकिंस एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के मुताबिक सौर लहर यानी CME कई बार इतने ताकतवर मैग्नेटिक फील्ड पैदा करती हैं, जो अरबों टन प्लाज्मा छोड़ती हैं. इनमें से कई तो 96.56 से 3057.75 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से चलती हैं.

सबसे तेज चलने वाला अंतरिक्षयान है
सितंबर में ही इस टक्कर से पहले उसके आसपास जो सौर कण आ रहे थे, उनकी गति 1351.84 किलोमीटर प्रति सेकेंड थी. इस वीडियो और डेटा से वैज्ञानिकों को यह पता चलेगा कि ये कण कैसे बनते हैं. कैसे चलते हैं. पार्कर सोलर प्रोब असल में सूरज की स्टडी के लिए ही बनाया गया है. यह इतिहास का सबसे तेज चलने वाला अंतरिक्षयान है.

सौर धूल की स्टडी में करेगा मदद
पार्कर सोलर प्रोब में खास तरह के हीटशील्ड लगे हैं. साथ ही ऑटोनॉमस सिस्टम है जो उसे सूरज के तूफाने से बचाते रहते हैं. पार्कर ने पहला सौर तूफान तब बर्दाश्त किया था, जब वह सूरज की सतह से 5.70 करोड़ किलोमीटर दूर था. इन सौर तूफानों की स्टडी करने से यह पता चलेगा कि अंतरिक्ष में ग्रहों के बीच जो सौर धूल उड़ती है, उसका क्या काम है. वह किसी भी ग्रह की ग्रैविटी, वायुमंडल या मैग्नेटिक फील्ड पर किस तरह से असर डालती हैं.

About bheldn

Check Also

ग्रीस-अमेरिका में फाइनल हुई F-35 डील, तुर्की को बड़ा झटका, मुंह ताकते रहे ‘खलीफा’ एर्दोगन

एथेंस: ग्रीस और अमेरिका में एफ-35 लड़ाकू विमानों की डील लगभग फाइनल हो गई है। …