मुंबई
बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव और पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे पिछले कुछ सालों में अपने कई बयानों को लेकर सुर्खियों में रही हैं। 2019 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद बीजेपी ने पंकजा मुंडे को मध्य प्रदेश का संयुक्त प्रभारी नियुक्त किया। इससे उन्हें राज्य की राजनीति की कोई जिम्मेदारी दिए बिना राष्ट्रीय सचिव बना दिया गया। कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद पंकजा को महाराष्ट्र बीजेपी में कोई बड़ा पद न देना या विधान परिषद में मौका न देना पार्टी के अंदर की कलह की वजह है। हालांकि पंकजा मुंडेन ने इस संघर्ष पर खुलकर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन उनके अलग-अलग बयानों से इस पर असर पड़ता दिख रहा है। इसी तरह एक मराठी वेब पोर्टल को दिए इंटरव्यू में पंकजा का एक बयान भी खूब चर्चा में है।
जनता के मन में मैं ही मुख्यमंत्री हूं?
2014 में राज्य में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद आपने बयान दिया था कि जनता के मन में मैं ही मुख्यमंत्री हूं? कहा जाता है कि इस बयान के कारण आपके पंख कतर दिए गए। क्या आप इस बारे में सोचते हैं? ऐसा सवाल पंकजा से पूछा गया। इस पर पंकजा मुंडे ने जवाब देते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि जो दर्द मैं नहीं जानती थी वो आपको समझ आ गया है। मूलतः जनता के मन में मैं ही मुख्यमंत्री थी। मैंने इसे कई बार समझाया है लेकिन आप यह कह रहे हैं कि अगर इस तरह का कोई बयान मुझे परेशान करता है, तो क्या यह अच्छा है? अगर एक वाक्य कहने से ऐसा कुछ हो जाए तो यह अच्छा प्रभाव नहीं है।
वह वाक्य मुख्यमंत्री पद के बारे में नहीं कहा
पंकजा मुंडे ने आगे कहा कि मैंने वह वाक्य मुख्यमंत्री पद के बारे में नहीं कहा, लेकिन मान लीजिए कि मैंने कहा। लेकिन फिर भी आसमान टूट पड़ा कि आदमी को सीधे जिंदगी से उठना पड़ा। क्या राजनीति में ऐसा नहीं है? उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि किसी ने मेरे साथ ऐसा किया, अगर लोगों के बीच यह धारणा फैली तो यह अच्छा नहीं है।
फडनवीस के आते ही पंकजा दरकिनार?
महाराष्ट्र में बीजेपी के दिवंगत दिग्गज नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के उदय के बाद पार्टी के भीतर दरकिनार कर दिया गया था। वह 2019 में विधानसभा चुनाव हार गईं और तब से लो प्रोफाइल बनी हुई हैं।
पंकजा मुंडे ने अपना दर्द बयां किया
बीजेपी के दो नेताओं पंकजा मुंडे और देवेंद्र फडणवीस के बीच छिपे टकराव को लेकर अक्सर बहस होती रहती है? हालांकि दोनों नेताओं का कहना है कि हमारे बीच कोई विवाद नहीं है। पंकजा मुंडे को संगठन में पदों से हटाया गया और विधान परिषद चुनाव में भी मुंडे समर्थकों का दावा है कि इसके पीछे फडणवीस का हाथ है। इस तरह पत्रकारों की ओर से पूछे गए सवाल पर बोलते हुए पंकजा मुंडे ने अपना दर्द बयां किया और चर्चा फिर से छिड़ गई है।