भोपाल,
साल 2024 की चुनावी लड़ाई से पहले राज्यों के चुनाव एक बड़ी चुनौती हैं. यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी कई चौंकाने वाले फैसले ले रही है. मध्यप्रदेश की पहली दो लिस्ट ने सूबे में खलबली मचा दी थी. इसके बाद तीसरी लिस्ट ने कई नेताओं के दिल की धड़कनें बढ़ा रखी थीं. अब कांग्रेस ने भी पहली लिस्ट जारी कर दी है. इसमें कई दिग्गज नेताओं को उतारा गया है. कांग्रेस ने एमपी के लिए 144 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है.
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को चुनाव होना है. इस चुनाव में कई दिग्गज नेताओं का राजनीतिक भविष्य भी दांव पर लगा हुआ है. मध्य प्रदेश की वीआईपी सीटों को देखें तो यहां 10 से अधिक ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री, सांसद और सीएम पद के दावेदारों को उतारा है.
कांग्रेस ने छिंदवाड़ा से पार्टी के दिग्गज नेता कमल नाथ को चुनाव मैदान में उतारा है. बता दें कि छिंदवाड़ा सीट को मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमल नाथ का गढ़ माना जाता है. बीते 2018 के चुनाव में कमल नाथ को यहां से जीत मिली थी, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें सीएम घोषित किया था. कुल 144 उम्मीदवारों में जनरल 47, अल्पसंख्यक 6, ओबीसी 39, एससी 22, एसटी 30 शामिल हैं. इनमें 19 उम्मीदवार महिलाएं हैं. वहीं 65 उम्मीदवार 50 वर्ष से कम आयु के हैं.
बता दें कि भाजपा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बुधनी विधानसभा से टिकट दिया गया है. शिवराज सिंह इस सीट से बीते 4 बार से लगातार सीएम हैं. शिवराज के सामने कांग्रेस ने विक्रम मास्ताल को चुनाव मैदान में उतारा है. विक्रम ने रामायण-2 में हनुमान का किरदार निभाया था.
इनके अलावा अजय सिंह राहुल को चुरहट, दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को चांचौड़ा, दिग्विजय के बेटे जयवर्धन सिंह को राघोगढ़, जीतू पटवारी को राऊ, सत्यदेव कटारे के बेटे हेमंत कटारे को अटेर, कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को झाबुआ विधानसभा सीट से उतारा गया है.
कांग्रेस ने हाटपिपल्या से राजवीर सिंह बघेल को टिकट दिया है, जबकि इसी सीट से बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए दीपक जोशी दावेदारी ठोक रहे थे. दीपक जोशी पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे हैं और हाटपिपल्या से मनोज चौधरी को तवज्जो दिए जाने से नाराज होकर पार्टी छोड़ दी थी और कांग्रेस चले गए थे, लेकिन 144 उम्मीदवारों में उनका नाम नहीं है.
INDORE-1 SEAT से कैलाश विजयबर्गीय के सामने कांग्रेस ने संजय शुक्ला को मैदान में उतारा है. शुक्ला की यह पारम्परिक सीट है और वर्तमान में वह यहां से विधायक हैं. वहीं कांग्रेस ने कोलारस से बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए वर्तमान विधायक वीरेंद्र रघुवंशी को बड़ा झटका दिया है. कांग्रेस ने यहां बैजनाथ यादव को टिकट दिया है, जो सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए थे, लेकिन कुछ समय पहले वापस कांग्रेस में आ गए थे.
बता दें कि छिंदवाड़ा सीट को मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमल नाथ का गढ़ माना जाता है. बीते 2018 के चुनाव में कमल नाथ को यहां से जीत मिली थी, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें सीएम घोषित किया था.
ये हैं वीआईपी सीटें, जहां से भाजपा ने दिग्गजों को उतारा
दिमनी विधानसभा मुरैना जिले में प्रमुख विधानसभा सीट है. यहां से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को टिकट दिया है. इसके अलावा भाजपा ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर विधानसभा सीट से उतारा है. माना जाता है कि इस सीट पर पटेल परिवार का दबदबा है. निवास विधानसभा सीट से केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मैदान में हैं. वह अभी मंडला से सांसद हैं. भाजपा ने दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 से टिकट दिया है.
लहार विधानसभा विपक्ष के नेता गोविंद सिंह का गढ़ मानी जाती है. राघोगढ़ विधानसभा सीट पर मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का दबदबा है. इंदौर जिले में राऊ विधानसभा सीट पर कांग्रेस का बोलबाला है. यहां कांग्रेस नेता जीतू पटवारी का प्रभाव रहता है. वहीं मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा दतिया से चुनावी मैदान में हैं. यहां से कांग्रेस ने अवधेश नायक को उतारा है.
कांग्रेस ने इन दिग्गज नेताओं के रिश्तेदारों को बांटे टिकट
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह को चुरहट से कांग्रेस ने टिकट दिया है. नेता प्रतिपक्ष रहे कांग्रेस विधायक सत्यदेव कटारे के पुत्र हेमंत कटारे को अटेर से टिकट मिला है. वहीं केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के पुत्र विक्रांत भूरिया को झाबुआ से टिकट दिया गया है. वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव के बेटे और केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के भाई सचिन यादव को मिला कसरावद से टिकट मिला है. इनके अलावा पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल के पुत्र कमलेश्वर पटेल को सिंहावल से टिकट मिला है.
दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को चाचौड़ा और दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को राघोगढ़ से कांग्रेस ने उतारा है. कांग्रेस के सांसद और मंत्री रहे प्रताप सिंह बघेल के बेटे सुरेंद्र सिंह हनी बघेल को भी कुक्षी से टिकट मिला है. उप मुख्यमंत्री रहीं जमुना देवी के भतीजे उमंग सिंगार को गंधवनी से टिकट दिया गया है.