शहीद अग्निवीर गावते की फैमिली को मिलेगा 1 करोड़ 13 लाख का मुआवजा, समझिए कैसे

नई दिल्ली,

लद्दाख के सियाचिन में तैनात भारतीय सेना के जवान गावते अक्षय लक्ष्मण लाइन ऑफ ड्यूटी पर तैनाती के दौरान शहीद होने वाले पहले अग्निवीर हैं. सेना के लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर ने रविवार को बताया कि सियाचिन में ड्यूटी के दौरान एक अग्निवीर लक्ष्मण शहीद हुए हैं. सेना ने शहीद गावते अक्षय लक्ष्मण के निधन पर शोक व्यक्त किया है और बताया है कि कैसे उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि मिलेगी.

सियाचीन में तैनात थे गावते
गावते काराकोरम रेंज में लगभग 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे. इस ग्लेशियर को दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई वाले युद्ध स्थल के रूप में जाना जाता है जहां सैनिकों को तेज बर्फीली हवाओं से जूझना पड़ता है. यह भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है.शनिवार तड़के ही लक्ष्मण की मौत हुई.

परिजनों को मिलेंगे इतने पैसे
शहीद के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर आर्मी ने पोस्ट करते हुए एक्स पर लिखा, ‘अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण ने सियाचिन में कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. दुःख की इस घड़ी में भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है. मृतक के परिजनों को वित्तीय सहायता के संबंध में सोशल मीडिया पर परस्पर विरोधी संदेशों को देखते हुए, यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि परिजनों को मिलने वाली परिलब्धियां (धनराशि) सैनिक की सेवा के प्रासंगिक नियमों और शर्तों द्वारा शासित होती हैं.’ अग्निवीरों की नियुक्ति की शर्तों के अनुसार, शहीद के लिए अधिकृत परिलब्धियां इस प्रकार होंगी:-

-शहीद लक्ष्मण के परिजनों को अंशदायी बीमा के रूप में 48 लाख रुपये मिलेंगे. इसके साथ ही शहीद के परिवार को 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी मिलेगी. इतना ही नहीं, शहीद के परिजनों को अग्निवीर द्वारा योगदान की गई सेवा निधि (30 प्रतिशत) से एक राशि भी मिलेगी, जिसमें सरकार द्वारा समान योगदान और उस पर ब्याज भी शामिल होगा. साथ ही परिजनों को मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक शेष कार्यकाल का भी पैसा मिलेगा और यह राशि 13 लाख से अधिक होगी. इसके अलावा सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से शहीद जवान के परिजनों को 8 लाख रुपये का योगदान दिया जाएगा. आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (AWWA) की ओर से तत्काल 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता. यानि कुल मिलाकर यह धनराशि 1 करोड़, 13 लाख से कहीं अधिक होगी.

फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का पोस्ट
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने ‘एक्स’ पर कहा, बर्फ में चुपचाप रहने के लिए, जब बिगुल बजेगा तो वे उठेंगे और फिर से मार्च करेंगे.’ इसमें कहा गया, ‘फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के सभी रैंक सियाचिन की कठिन ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं और परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.’

राहुल ने अग्निवीर योजना को बताया अपमान
आपको बता दें कि हाल ही में अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि अग्निवीर, भारत के वीरों के अपमान की योजना है और अग्निवीरों की शहादत के बाद उसके परिजनों को पेंशन या अन्य लाभ नहीं दिया जाता है.राहुल के आरोपों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सिरे से खारिज कर दिया.भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अमित मालवीय ने आरोपों को ‘बिल्कुल बेबुनियाद और गैरजिम्मेदाराना’ बताया.

बीजेपी का पलटवार
उन्होंने कहा, ‘अग्निवीर गवाते अक्षय लक्ष्मण ने सेवा के दौरान अपने प्राण गंवाए हैं और इसलिए वह ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सैनिक के रूप में परिलाभ पाने के हकदार हैं. इसके तहत, लक्ष्मण के परिजनों को 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी बीमा, 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, अग्निवीर द्वारा योगदान की गई सेवा निधि (30 प्रतिशत), सरकार द्वारा समान योगदान के साथ, और उस पर ब्याज की रकम भी मिलेगी…’ मालवीय ने अपने पोस्ट में कहा, ”इसलिए फर्जी खबरें न फैलाएं। आप प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखते हैं, कोशिश करें और वैसा ही व्यवहार करें.

पंजाब में अग्निवीर की मौत को लेकर हुई थी बयानबाजी
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में जान गंवाने वाले अग्निवीर अमृतपाल सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान सेना द्वारा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ नहीं दिए जाने को लेकर विपक्ष ने सरकार की काफी आलोचना की थी. हालांकि,बाद में सेना की तरफ से बयाना आया किअग्निवीर अमृतपाल सिंह की मौत उनकी ही गोली से हुई है, ऐसे में नियमानुसार उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई नहीं दी गई.

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