नई दिल्ली
अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है। अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच निर्धारित समय सीमा के अंदर नहीं पूरी करने के लिए सेबी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। 17 मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सेबी को 14 अगस्त तक अडानी-हिंडनबर्ग मामले में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था। हालांकि आवेदक अधिवक्ता विशाल तिवारी ने बताया कि रिपोर्ट अभी तक सेबी द्वारा पेश नहीं की गई है।
अधिवक्ता विशाल तिवारी ने सेबी से सुप्रीम कोर्ट की समयसीमा का अनुपालन न करने पर स्पष्टीकरण देने का निर्देश भी मांगा है। अपनी याचिका में उन्होंने 17 मई के आदेश का पालन नहीं करने के लिए बाजार नियामक सेबी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की।
सेबी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग के अलावा विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (OCCRP) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति को निर्देश देने की भी मांग की है। ओसीसीआरपी ने अपनी रिपोर्ट में अडानी पर स्टॉक में हेरफेर का आरोप लगाया था।
विशाल तिवारी ने कहा है कि जनहित याचिका का शुरुआती ध्यान सिर्फ इस बात पर था कि सेबी को मजबूत करने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे। याचिका में पूछा गया कि शेयर बाजार में निवेशकों का निवेश सुरक्षित रहे, इसको लेकर सेबी की ओर से क्या कदम उठाए जा रहे हैं? याचिका में कहा गया कि कंपनियों के व्यवहार और प्रथाओं पर निगाह रखने के लिए एक मजबूत सिस्टम की भी जरूरत है। विशाल तिवारी ने कहा कि सेबी ने अपने आवेदन में जांच पूरी करने के लिए जरूरी समयसीमा के सुझाव पर आपत्ति जताई है।
सेबी ने कुछ दिन पहले ही इस मामले में जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट दायर की थी। सेबी ने कहा था कि वह टैक्स हैवन देशों से जानकारी मिलने का इंतजार कर रहा है। सेबी ने कहा था कि अडानी ग्रुप के खिलाफ दो मामलों को छोड़कर सभी आरोपों की जांच पूरी कर ली गई है।