नई दिल्ली,
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि उनका लक्ष्य देश में नफरत खत्म करना है और इसके लिए केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हराना जरूरी है. उन्होंने यहां नामपल्ली में एक चुनावी सभा में यह आरोप भी लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), प्रधानमंत्री मोदी और ‘कट्टरपंथियों’ ने पूरे देश में नफरत फैला दी है.
राहुल गांधी ने इस बात का उल्लेख किया कि कांग्रेस ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने’ का नारा दिया था. उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ 24 मामले दर्ज कर दिए गए क्योंकि वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं.
कांग्रेस नेता का कहना था, ‘‘पहली बार ऐसा हुआ कि मानहानि के मामले में दो साल की सज़ा मिली. मेरी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. मेरा सरकारी घर छीन लिया गया. मैंने कहा कि मुझे यह नहीं चाहिए. मेरा घर देश के करोड़ों गरीबों के दिलों में है.’’
सांसदों एवं विधायकों के मामलों की सुनवाई करने वाली उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने सोमवार को गांधी को केंद्रीय मंत्री अमित शाह के खिलाफ की गई कथित ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणियों से संबंधित 2018 के मानहानि मामले में तलब किया.
राहुल गांधी ने यहां नामपल्ली की रैली में अपने भाषण में उत्तर प्रदेश की अदालत द्वारा उन्हें समन भेजे जाने का कोई जिक्र नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘‘लड़ाई वैचारिक है और मैं इससे समझौता नहीं कर सकता.’’
राहुल गांधी ने कहा, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर भी हमला बोला और सवाल किया कि आखिर हैदराबाद के सांसद के खिलाफ कितने मामले दर्ज हैं?
कांग्रेस नेता ने कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां हमेशा उनके पीछे पड़ी रहती हैं, लेकिन क्या कोई एजेंसी ओवैसी के पीछे पड़ी है? उन्होंने दावा किया, ‘‘सवाल उठता है कि ओवैसी के खिलाफ कोई मामला क्यों नहीं है और इसका जवाब यह है कि एआईएमआईएम अध्यक्ष, प्रधानमंत्री मोदी की मदद करते हैं.’’