बजट में मिला ठिल्‍लू… नौकरीपेशा लोग देखते ही रह गए और सीतारमण की स्‍पीच खत्‍म हो गई!

नई दिल्‍ली:

आज पूरे देश की नजर बजट पर थी। हमेशा की तरह नौकरीपेशा लोग भी इस पर टकटकी लगाए बैठे थे। यह बजट लोकसभा चुनाव से पहले पेश हो रहा था। ऐसे में उम्‍मीदें भी बहुत ज्‍यादा थीं। लोगों को लग रहा था कि वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा चुनाव से पहले लोकलुभावन बजट पेश करेंगी। लेकिन, उन्‍होंने ऐसा कुछ नहीं किया। ठीक 11 बजे सीतारमण ने बजट स्‍पीच पढ़नी शुरू की। फिर देखते ही देखते यह कब खत्‍म हो गई, कुछ पता ही नहीं लगा। नौकरीपेशा लोग टैक्‍स स्‍लैब में जिस कटौती की आस लगाए बैठे थे, वह अधूरी ही रह गई। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंति‍म बजट पेश करते हुए सीतारमण कोई भी बड़ा ऐलान करने से बचीं। अलबत्‍ता, उन्‍होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाने पर ज्‍यादा फोकस किया।

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के लिए अपना बजट भाषण 2 घंटे 42 मिनट में पूरा किया था। यह अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण था। इसके उलट गुरुवार को उन्‍होंने अपना छठा बजट पेश करते हुए चौंका दिया। यह उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण था। बहुतों को उम्‍मीद थी कि सीतारमण अंतरिम बजट में कुछ बड़ा धमाका करेंगी। चूंकि यह बजट लोकसभा चुनाव से पहले आ रहा था ऐसे में लोगों को कुछ बड़ी लोकलुभावन घोषणाओं की आस थी। ऐसे ही लोगों में इंडिविजुअल इनकम टैक्‍सपेयर्स भी थे। वे टैक्‍स स्‍लैब में कटौती को करीब-करीब तय मान रहे थे। हालांकि, सीतारमण ने उन्‍हें निराश किया। उन्‍होंने टैक्‍स स्‍लैब में किसी भी तरह के बदलाव का प्रस्‍ताव नहीं किया।अंतरिम बजट में सीतारमण ने जहां सस्‍टेनेबल ग्रोथ पर फोकस किया। वहीं, किसी बड़ी जनकल्‍याणकारी योजना का ऐलान करने से बचीं। रोजगार में बढ़ोतरी के लिए भी कोई बड़ा ऐलान न होने से निराशा हाथ लगी।

क्‍या है इस बजट का मैसेज?
वैसे, सरकार ने इस बजट से बड़ा मैसेज भी दिया है। उसने दिखाया है कि वह लोगों को लुभाने के लिए बजट को चुनावी हथकंडा नहीं बनाएगी। इसके जरिये यह भी दर्शाया गया है कि जनकल्‍याणकारी स्‍कीमों का ऐलान करने के लिए उसके पास सिर्फ बजट में ही एक मंच नहीं है।
यहां कुछ बड़े ऐलान हैं जो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए किए:
1. आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया।
2. कॉर्पोरेट टैक्‍स की दर को 22% से घटाकर 21% करने की घोषणा की गई।
3. कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।
4. फसल बीमा योजना का विस्तार किया गया।
5. किसान क्रेडिट कार्ड के लिए लोन सीमा को बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये किया गया।
6. महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई घोषणाएं की गईं।
7. स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया।
8. डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढ़ाने के लिए कई घोषणाएं की गईं।

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