रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने दुनिया के काराबोर जगत में एक बार फिर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. ब्रांड गार्जियनशिप इंडेक्स 2024 में लगातार दूसरे साल मुकेश अंबानी दूसरी पोजिशन पर काबिज हैं. इस मुकाम तक पहुंचने के रास्ते में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला, गूगल के CEO सुंदर पिचाई, एपल के टिम कुक और टेस्ला के एलोन मस्क (Elon Musk) को भी पीछे छोड़ दिया है. इसके साथ ही मुकेश अंबानी ‘डायवर्सिफाइड’ ग्रुप की कैटेगिरी में टॉप रैंक वाले CEO भी बन गए हैं.
टेसेंट के CEO हुआतेंग मा दुनिया के सबसे ताकतवर CEO
ब्रांड फाइनेंस की तरफ से जारी की गई लिस्ट में में टेसेंट के CEO हुआतेंग मा पहले नंबर पर रहे और उन्हें 81.6 का स्कोर मिला है. वहीं मुकेश अंबानी को भारतीयों की लिस्ट में पहले और ग्लोबल लेवल पर दूसरे स्थान पर रखा गया है. ब्रांड फाइनेंस ने अंबानी को 80.3 का BGI स्कोर दिया है जो हुआतेंग मा से महज 1.3 अंक कम है. जिस रफ्तार से अंबानी अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं उसमें वो जल्दी ही नंबर वन के पायदान के ज्यादा करीब भी पहुंच सकते हैं. इस लिस्ट में शामिल दूसरे भारतीयों की बात करें तो टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन पांचवें नंबर पर पहुंच गए हैं जबकि 2023 की रैंकिंग में चंद्रशेखरन आठवें नंबर पर थे. वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा के अनीश शाह ब्रांड फाइनेंस की लिस्ट में छठे स्थान पर हैं. उनके बाद इंफोसिस के सलिल पारेख हैं जो लिस्ट में 16वें पायदान पर मौजूद हैं.
CEOs की क्षमता को देखकर मिलती है रैंकिंग
आइए अब समझते हैं कि आखिर ब्रांड गार्जियनशिप इंडेक्स CEO को किस आधार पर ये रैंकिंग देता है. ये इंडेक्स CEO को जिन कसौटियों पर परखता है उनमें शामिल हैं स्टेकहोल्डर्स, कर्मचारियों, निवेशकों के हितों का ख्याल रखते हुए कारोबार करना और समाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए बिजनेस वैल्यू में इजाफा करना. इस आधार पर ब्रांड फाइनेंस सर्वे में CEOs के प्रदर्शन को मापता है. इसमें कंपनी के CEO की मौजूदा क्षमता के साथ साथ भविष्य की योजनाओं को भी देखा जाता है. इसके बाद मुख्य कार्यकारी अधिकारी की क्षमता और विजन के आधार पर इंडेक्स में स्कोर दिया जाता है. इस स्कोर के आधार पर भी इन CEOs को रैंकिंग मिलती है.
रिलायंस के शानदार प्रदर्शन का गवाह हैं नतीजे
मौजूदा प्रदर्शन का सटीक अनुमान लगाने में कंपनियों के वित्तीय नतीजे भी भरपूर मदद करते हैं. इस आधार पर भी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुखिया अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही RIL का शुद्ध मुनाफा 9.3 फीसदी बढ़कर 17 हजार 265 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू बढ़कर सवा 2 लाख करोड़ रुपये हो गया. यानी रिलायंस का मौजूदा प्रदर्शन इसके शानदार भविष्य का भी अनुमान जाहिर कर रहा है.