कोलकाता
पश्चिम बंगाल में ईडी पर हमले के आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर शिकंजा कसता जा रहा है। ईडी ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली 5 जनवरी की घटना के आरोपी मास्टरमाइंड शेख शाहजहां को अब तीसरा नोटिस जारी किया। शाहजहां शेख पर आरोप है कि उसके समर्थकों ने उसके इशारे पर ही ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमला किया था। हमले के बाद शाहजहां शेख स्पीच भी सामने आई थी। जिसमें उनसे कहा था कि बीजेपी के दलाल मुझे छू नहीं सकते हैं। शाहजहां शेख ईडी के दो समन को नजरअंदाज कर चुका है। ईडी को आशंका है कि शाहजहां शेख बांग्लादेश भाग गया है। घटना के बाद शेख के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी की गई थी।
ईडी के पास पहुंचे थे शेख के वकील
ईडी ने पहला नोटिस 29 जनवरी और दूसरा नोटिस 5 फरवरी को जारी किया था, जिसमें उनसे कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में एजेंसी के साल्ट लेक दफ्तर में आत्मसमर्पण के लिया कहा गया था। 5 फरवरी को शाहजहां पूछताछ के लिए नहीं आए। उसी शाम उनके वकील केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी को एक पत्र सौंपने के लिए ईडी कार्यालय पहुंचे, जहां उनके पेश होने के लिए और समय मांगा था। ईडी के अधिकारियों ने उस पत्र को आधिकारिक तौर पर स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमले को 35 दिन बीत चुके हैं और शाहजहां फरार रहने में कामयाब रहा है। इस बीच, शेख शाहजहां ने अग्रिम जमानत के लिए राज्य की दो अलग-अलग अदालतों का दरवाजा भी खटखटाया था।
संदेशखाली में हिंसक प्रदर्शन
टीएमसी के फरार नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में हिंसक प्रदर्शन भी समाने आया है। स्थानीय लोगों ने हाथों में डंडे और झाडू लेकर संदेशखाली के अलग-अलग हिस्सों में सुबह से ही जुलूस निकालें। बाद में भीड़ ने शाहजहां के सहयोगी शिवप्रसाद हाजरा के घर में तोड़-फोड़ की और कुछ लकड़ी के सामान में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि जेलियाखाली में हाजरा से जुड़े एक मुर्गीपालन फार्म को भी आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक होसेन मेहदी रहमान ने बताया कि बलों को इलाके में भेज दिया गया है और हालात पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गांववालों ने शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ 8 फरवरी को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसकी जांच की जा रही है। टीएमसी ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) इलाके में अशांति फैलाने के लिए लोगों को भड़का रही है।