पटना
बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार को बहुमत साबित करना है, मगर आजकल सियासत में ‘खेल’ गूंज रहा है। जिसे देखिए वही ‘खेल’ खेलने को बेताब दिख रहा है। CPIML विधायक दल के नेता और बिहार के विपक्षी महागठबंधन की ‘अहम शख्सियत’ महबूब आलम ने NDA सरकार में शामिल हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि महबूब आलम लालू यादव का ‘दूत’ बनकर मांझी से मिलने गए थे। नीतीश सरकार के विश्वास मत हासिल करने से लगभग 48 घंटे पहले हुई, इस बैठक को अहम माना जा रहा है। हालांकि, दोनों खेमों के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि बैठक में ‘कुछ भी राजनीतिक नहीं’ था। ये बैठक पटना में मांझी के आवास पर हुई।
‘मांझी जी जोश में हैं और वो अच्छा खेल दिखाएंगे’
जीतन राम मांझी से मुलाकात के बाद महबूब आलम ने पत्रकारों से कहा कि कि मांझी जी हमारे अभिभावक हैं। वरिष्ठ नेता हैं, जिनसे हम नियमित रूप से मिलते रहते हैं। पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए मैं आया और यह देखकर खुशी हुई कि अब वह ठीक हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने चाय पी थी, तो वामपंथी नेता ने मजाकिया लहजे में कहा कि हां, हमने चाय पी, हमने कॉफी भी पी। मांझी जी जोश में हैं और वो अच्छा खेल दिखाएंगे।
वहीं, विधायक सत्यदेव ने कहा कि जीतन राम मांझी हमेशा गरीबों का सवाल उठाते रहे हैं। हम लोग उनसे आग्रह करने आए थे कि आगे भी वे गरीबों के मुद्दों को उठाते रहें। हमलेगों को खेल से कोई मतलब नहीं है। भाकपा माले एनडीए सरकार से पहले महागठबंधन सरकार को बाहर से समर्थन कर रही थी।
बिहार की सियासत में खूब हो रही ‘खेल’ की चर्चा
दरअसल, ‘खेल’ शब्द बिहार में तब से चर्चा का विषय बन गया है, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने जनता दल (यूनाइटेड) से गठबंधन टूटने के बाद घोषणा की था कि ‘खेला’ अभी बाकी है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि तेजस्वी के पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद विश्वास मत के दौरान राजग की बाजी पलटने के लिए अपनी कुशलता का इस्तेमाल करेंगे। हालांकि, आलम ने यह भी कहा कि मैंने सामान्य लहजे में खेल शब्द का उल्लेख किया है। कृपया ध्यान दें कि हम किसी गुप्त रणनीति में शामिल नहीं हैं।जीतन राम मांझी की पार्टी के केवल चार विधायक हैं। मांझी ने हाल में ये दावा किया था कि उन्हें राजद से मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव स्वीकार करने से इनकार कर दिया। मांझी ने मंत्रिमंडल में एक और पद की मांग की है। फिलहाल मांझी के बेटे संतोष सुमन मंत्री हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मांझी बैठक के बारे में टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे। हम के उपाध्यक्ष और विधायक अनिल कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि ये एक अनौपचारिक बैठक थी। विभिन्न दलों के नेता मांझी से मिलने आते रहते हैं। कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। विश्वास मत से ठीक दो दिन पहले होने वाली बैठक के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हमारी पार्टी एकजुट है। राज्य में राजग और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के साथ बने रहने के मांझी के फैसले के साथ 100 प्रतिशत है। राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा में NDA के कुल सदस्य 128 हैं, जो बहुमत के लिए आवश्यक संख्या से छह अधिक है। महागठबंधन के पास 114 सदस्य हैं। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, भाकपा (माले), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) शामिल हैं।