RBI के एक्शन पर फिर बोले अशनीर ग्रोवर, ‘Paytm फिनटेक का जनक, ये ना होता तो…’

नई दिल्ली,

जब से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फिनटेक फर्म पेटीएम पर सख्ती दिखाई है और उसकी बैंकिंग सर्विसेज को बंद करने का आदेश दिया है, तब से भारत-पे के को-फाउंडर और बिजनेस शो शार्क टैंक इंडिया के पूर्व जज अशनीर ग्रोवर लगातार आरबीआई की आलोचना करते नजर आ रहे हैं. अब एक बार फिर से उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि केंद्रीय बैंक की कार्रवाई इस बात का उदाहरण है कि बैंक महत्वपूर्ण हैं, फिनटेक नहीं.

क्या स्टार्टअप्स इकोनॉमी के लिए महत्वपूर्ण नहीं?
अशनीर ग्रोवर ने मिरर नाउ को दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड (PPBL) पर RBI के एक्शन को लेकर बात की और इस कदम को अतिशियोक्ति करार देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक की ओर से ये संदेश दिया जा रहा है कि देश में बैंक महत्वपूर्ण है, फिनटेक नहीं. भारतपे के को-फाउंडर ने कहा कि देश में आज 111 यूनिकॉर्न हैं, लेकिन इनमें से किसी को भी इकोनॉमी के लिए महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है, जबकि यही वे स्टार्टअप्स हैं, जिन्होंने इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ रेट को 6-7.5 फीसदी दर को आगे बढ़ाने में योगदान दिया है और साथ ही FDI इन्वेस्टमेंट लाने और रोजगार पैदा करने में अहम भूमिका निभाई है. हम सब इसका जश्न तो मनाते हैं, लेकिन आरबीआई की कार्रवाई से साफ है कि देश में फिनटेक जरूरी ही नहीं हैं.

RBI में निर्णय लेने वाले करीब 60 साल के लोग
Shark Tank India के पूर्व जज अशनीर ग्रोवर ने आगे कहा कि भारत में स्ट्रक्चरल रूप से हम बड़े स्टार्टअप के लिए तैयार नहीं हैं. आरबीआई की कार्रवाई की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पेटीएम पर लिया गया एक्शन गंभीर सजा है. इस बीच अशनीर ग्रोवर ने कहा कि आरबीआई निर्णय लेने वाले जिम्मेदार लोग आमतौर पर करीब 60 साल के होते हैं और उनके पास बैंकिंग सिस्टम का प्रबंधन करने का लंबा अनुभव होता है, लेकिन उन्हें 40 वर्षीय व्यक्ति के प्रति संदेह होता है, खासकर जब किसी भी सिस्टम को चलाने की बात आती है, तो कंप्यूटर या प्रोग्रामिंग डोमेन की पृष्ठभूमि वाले युवा व्यक्ति के प्रति संदेह होता है.

Paytm को बताया फिनटेक का जनक
रिजर्व बैंक की आलोचना करते हुए अशनीर ग्रोवर ने संकट में घिरी पेटीएम को भारत में फिनटेक का जनक करार दिया है. उन्होंने कहा कि हम भारत-पे के फाउंडर हैं, लेकिन इस कंपनी का अस्तित्व भी पेटीएम की वजह से ही है. Paytm भारत में सभी फिनटेक का जनक है. पेटीएम लगभग पांच साल पहले भुगतान बैंक लाइसेंस प्राप्त करने वाला देश का पहला स्टार्ट-अप था. अगर ये नहीं होता, तो भारत-पे भी नहीं होता. ग्रोवर ने पेटीएम पर आरबीआई के एक्शन को लेकर आगे कहा कि स्टार्टअप समुदाय के लिए यह दुखद है.

पेटीएम पर आरबीआई की कार्रवाई पर नजर
RBI द्वारा फिनटेक फर्म की बैंकिंग यूनिट Paytm Paytment Bank की सर्विसेज पर बैन लगाने का आदेश बीते 31 जनवरी को जारी किया गया था. रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट बैंक (PPBL) को नए ग्राहक बनाने से रोका है, साथ ही बैंक खाते या FASTag में किसी भी डिपॉजिट पर रोक लगाई है. इसके बाद से पेटीएम के शेयर की कीमत जनवरी के शिखर से 40 फीसदी से ज्यादा कम हो गई है. बीते गुरुवार को जहां इस शेयर में 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगा था, तो वहीं सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को Paytm Share 6.16 फीसदी टूटकर 49.15 रुपये के लेवल पर क्लोज हुआ था.

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