मुंबई,
महाराष्ट्र के हिंगोली में स्कूली छात्रों को दी गई एक अजीब सलाह के लिए शिंदे गुट के विधायक संतोष बांगर को एमवीए दलों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. संतोष बांगर ने छात्रों से कहा, ‘अगर आपके माता-पिता अगले चुनाव में मुझे वोट नहीं देते हैं, तो दो दिनों तक खाना न खाएं’. उनका यह बयान कैमरे में कैद हो गया, जिसका क्लिप अब सोशल मीडिया पर वायरल है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से आने वाले विधायक संतोष बांगर निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव संबंधी गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल करने के खिलाफ निर्देश जारी करने के एक हफ्ते से भी कम समय में विवादों में आ गए हैं. चुनाव आयोग के अनुसार, वोट हासिल करने के लिए राजनीतिक प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है और यह बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 का उल्लंघन भी है.
एमवीए ने की संतोष बांगर पर एक्शन की मांग
मराठवाड़ा के कलमनुरी से शिवसेना के विधायक संतोष बांगड़ की विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने आलोचना की है और उन पर अपना राजनीतिक हित साधने के लिए स्कूली बच्चों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. जिला परिषद स्कूल के छात्रों को संबोधित करते हुए संतोष बांगर ने कहा, ‘अगर आपके माता-पिता खाने से इनकार करने पर सवाल उठाते हैं, तो आपको उनसे कहना चाहिए, संतोष बांगर को वोट दें, तभी हम खाएंगे’. उन्होंने जिन बच्चों के सामने ये बातें कहीं वे सभी 10 वर्ष से कम उम्र के थे.
विधायक ने स्कूली छात्रों से अपने नाम का नारा भी लगवाया. महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने वोट हासिल करने के लिए छोटे बच्चों का ‘शोषण’ करने के आरोप में संतोष बांगर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. संतोष बांगर का विवादों में रहना कोई नई बात नहीं है. उन्होंने इस साल जनवरी में कहा था कि अगर 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में केंद्र की सत्ता में वापस नहीं आए, तो वह सार्वजनिक रूप से फांसी लगा लेंगे.