U19 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारतीय बल्लेबाजों का सरेंडर, AUS चौथी बार बना चैम्पियन

बेनोनी (दक्षिण अफ्रीका)

नया आईसीसी टूर्नामेंट, नया फाइनल, लेकिन परिणाम वही पुराना। पिछले साल 19 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया ने रोहित शर्मा की कप्तानी वाली सीनियर भारतीय टीम को वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में हराया था। उस रात पूरा हिंदुस्तान रोया था। ऐसे में 84 दिन बाद आज खेले गए अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में जब भारत-ऑस्ट्रेलिया की टक्कर हुई तो हर कोई कप्तान उदय सहारण की टीम से उस हार का बदला लेना चाहता था। मगर फाइनल में कंगारुओं का तिलिस्म नहीं टूट पाया। पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही टीम इंडिया का अश्वमेध रथ फाइनल में आकर रुक गया। भारत का रिकॉर्ड छठी बार अंडर-19 वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना टूट गया। ऑस्ट्रेलिया ने टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार भारत को फाइनल में हराया। 254 रन के रिकॉर्ड लक्ष्य के सामने भारतीय टीम सिर्फ 174 रन पर ही सिमट गई और ऑस्ट्रेलिया ने 79 रन से मैदान मारते हुए 1988, 2002, 2010 के बाद चौथी बार फाइनल जीता।

ऑस्ट्रेलिया से पहला फाइनल हारा भारत
अंडर-19 वर्ल्ड कप के इतिहास में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें इससे पहले दो बार फाइनल में टकराई थी। 2012 में कप्तान उनमुक्त चंद के शतक के बूते भारत ने कंगारुओं को फाइनल में हराया था तो 2018 में कप्तान पृथ्वी शॉ की टीम ने आठ विकेट से ट्रॉफी अपने नाम की थी। इस बार फाइनल में ओपनर मनजोत कालरा ने शतक लगाया था। मगर इस बार कप्तान उदय सहारण की टीम करिश्मा नहीं दिखा पाई। 16वीं बार वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही भारतीय टीम ने पांच बार खिताब जीते हैं। वह मौजूदा चैंपियन भी था। अगर ट्रॉफी जीतने में कामयाब होता तो पाकिस्तान के बाद टाइटल डिफेंड करने वाला सिर्फ दूसरा दल हो जाता।

सुपर फ्लॉप साबित हुआ इंडियन बैटिंग ऑर्डर
वर्ल्ड कप के मौजूदा एडिशन में भारतीय कप्तान उदय सहारण सात पारियों में 397 रन बनाकर टॉप स्कोरर रहे। फाइनल में वह 18 गेंद में 8 रन ही बना पाए। सरफराज खान के छोटे भाई मुशीर खान सात पारियों में 360 रन बनाकर दूसरी पोजिशन पर रहे। फाइनल में वह 33 गेंद में 22 रन ही बना पाए। सेमीफाइनल के हीरो सचिन धास ने छह पारियों में 294 रन जरूर बनाए, लेकिन फाइनल के दिन वह भी आठ गेंद में नौ रन बनाकर चलते बने। लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत के लिए तीसरे ही ओवर में अर्शिन कुलकर्णी (3) आउट हो गए। 40 पर दो, 55 पर तीन, 68 पर चार तो 90 रन बनते तक आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। लगातार अंतराल में विकेट गिरते रहे। आने वाले बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ता रहा और ऑस्ट्रेलिया मुकाबले में शिकंजा कसता चला गया।

हरजस सिंह ने भारत को हराया!
खिताबी मुकाबले में तेज गेंदबाज राज लिंबानी और नमन तिवारी की घातक गेंदबाजी के बावजूद ऑस्ट्रेलिया निर्धारित 50 ओवर में सात विकेट पर 253 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहा। लिंबानी ने और 38 रन देकर तीन विकेट लिए। तिवारी ने नौ ओवर में 63 रन देकर दो विकेट लिए। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत संयमित रही। भारतीय मूल के हरजस सिंह को छोड़कर कोई भी दूसरा बल्लेबाज अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाया। हरजस सिंह ने 64 गेंद पर 55 रन बनाए। टूर्नामेंट में अब तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने वाले हरजस ने शुरू में संघर्ष करने के बाद कुछ अच्छे शॉट लगाए, उनके बल्ले से तीन चौके और इतने ही छक्के भी निकले।ओपनर हैरी डिक्सन ने 56 गेंद पर 42 रन कप्तान ह्यू वीबगेन ने 66 गेंद पर 48 रन की पारी खेली। छठे नंबर पर आए ओलिवर पीक (43 गेंदों पर नाबाद 46 रन) और चार्ली एंडरसन (13) ने सातवें विकेट के लिए 34 रन जोड़कर टीम को 253 रन तक पहुंचाया।

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