मेरठ
यूपी वेस्ट में रालोद और बीजेपी का गठबंधन लगभग तय है। बीजेपी से जुड़े सूत्र भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीजेपी जयंत चौधरी की पार्टी को दो लोकसभा सीटें और एक राज्यसभा सीट दे रही है। रालोद के साथ गठबंधन के जरिए बीजेपी जाटलैंड में न सिर्फ खुद को और अधिक मजबूत करने का कोशिश कर रही है बल्कि यूपी वेस्ट की कम से कम उन सात सीटों पर पकड़ बनाने का प्रयास कर रही है, जहां उसके खुद के सर्वे में रिजल्ट पक्ष में नहीं दिखाई दे रहे थे।
बीजेपी सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बागपत लोकसभा सीट से या तो जयंत चौधरी या उनकी पत्नी चारू लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। कभी इस सीट को चौधरी परिवार का गढ़ कहा जाता था लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनावों में इस सीट पर बीजेपी के सत्यपाल सिंह ने जीत दर्ज की है। वह पूर्व IPS हैं। इसके अलावा बिजनौर लोकसभा सीट भी रालोद के खाते में जाने की बातें सामने आ रही हैं।
दोनों दलों के बीच हुए पैक्ट में जो राज्यसभा सीट रालोद को मिल रही है, उसपर पूर्व कृषि मंत्री सोमपाल शास्त्री को उच्च सदन में भेजा जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा बीजेपी यूपी में एक एमएलसीट सीट पर भी रालोद का समर्थन कर सकती है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि दोनों दलों के बीच गठबंधन का ऐलान जल्द हो जाएगा।
400+ है बीजेपी का टारगेट
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने एनडीए के लिए चार सौ प्लस सीटों का टारगेट रखा है। हम इसे पाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में छोटे दलों से गठबंधन करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी के दरवाजे अपने सभी पूर्व साथियों के लिए खुले हैं।
राम मंदिर के बाद भी रालोद से गठबंधन क्यों ?
राम मंदिर निर्माण के बाद भी बीजेपी को रालोद से गठबंधन क्यों करना पड़ा, इस सवाल के जवाब पर बीजेपी के एक सीनियर नेता कहते हैं कि इससे यूपी वेस्ट में उसकी जीत की संभावनाएं बढ़ रही हैं। राम मंदिर लहर के बाद भी बीजेपी के खुद के सर्वे में वह बिजनौर, अमरोहा, कैराना, मुजफ्फरनगर, मेरठ, फतेहपुर सीकरी और हाथरस जैसी सीटों पर पिछड़ती नजर आ रही है।
बीजेपी नेता कहते हैं कि सर्वे में ऐसे संकेत मिले हैं कि इन लोकसभा सीटों पर बीजेपी को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ेगा। बीजेपी संगठन के जिन जाट नेताओं से उम्मीद थी कि वो अपने समुदाय का दिल जीतने में सफल रहेंगे, वो सफल मालूम नहीं पड़ते है।
एक दर्जन लोकसभा सीट पर जाटों का प्रभाव
आपको बता दें कि यूपी वेस्ट में जाट समुदाय का एक करीब एक दर्जन लोकसभा सीटों और करीब 40 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है। करीब 15 जिलों में उनकी आबादी दस से पंद्रह फीसदी बताई जाती है लेकिन यह समुदाय सामाजिक रूप से न सिर्फ प्रभावशाली और मुखर है बल्कि राजनीतिक माहौल बनाने की क्षमता भी रखता हैं।
इससे पहले बीजेपी इस क्षेत्र में जाटों को प्रभावित करने के लिए कई जाट नेताओं उच्च पद भी दे चुकी है। इनमें सांसद संजीव बालियान और यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी शामिल हैं। पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न के जरिए भी बीजेपी ने इसी कोशिश में एक और प्रयत्न किया है। खुद जयंत चौधरी ने इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है।