राहुल और तेजस्वी से क्यों टूट गया दिल, नीतीश कुमार ने विधानसभा में खोला रिश्तों का वो पन्ना

नई दिल्ली

नीतीश कुमार ने सोमवार विश्वास मत हासिल कर लिया। विश्वास मत पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ ही साथ कांग्रेस को भी निशाने पर लिया। नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए राहुल गांधी की ओर भी इशारा किया और यह बताया कि वह पुरानी जगह क्यों लौट आए। विधानसभा में बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हम इतने दिन तक मेहनत किए उसका कुछ हुआ। सबको एकजुट करने की कोशिए, मेहनत किए उसका कुछ हुआ। नीतीश कुमार ने कहा कि अंत में हमको पता चला कि इनकी पार्टी भी कांग्रेस भी इधर से उधर कर रही है। उनको डर लग रहा था और उधर साथ थे। उन्होंने कहा कि तब हमको पता चल गया कि कुछ होने वाला नहीं है। इसके बाद हम पुरानी जगह आ गए हैं और सब दिन के लिए आ गए हैं।

बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हमने सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव रखा, जिसपर विभिन्न नेताओं ने अपनी राय रखी है। सीएम जैसे ही बोलना शुरू किया विपक्षी दल हंगामा करने लगे। इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि अगर नहीं सुनना चाहते हैं तो सीधे वोटिंग करा दिया जाए। हम सबकी बात सुने हैं। हमको 2005 से काम करने का मौका मिला। उससे पहले इनके पिताजी और माताजी को सरकार चलाने का मौका मिला। याद कीजिए कहीं कोई रोड था क्या, कोई शाम के बाद घर से निकल पाता था क्या।

आप ही किए हैं… तेजस्वी के किस काम से डर गए थे नीतीश? देखिए विधानसभा में क्या बताया
ये मुस्लिम की बात करते हैं, आए दिन हिंदू-मुस्लिम का विवाद होता था। हमने हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा बंद कराया। जो 15 साल में मुस्लिमों को न्याय नहीं मिला, हमने आने के बाद कार्रवाई की। कितना विकास हुआ है। जनता दल-यूनाइटेड (JDU) के प्रमुख नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता अवध बिहारी चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष के पद से हटाने का प्रस्ताव सदन द्वारा पारित किए जाने के तुरंत बाद विश्वास प्रस्ताव पेश किया।इससे पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हमेशा पिता तुल्य माना है और उन्हें नहीं पता कि किस वजह से वह ‘महागठबंधन’ छोड़कर बीजेपी के साथ लौटने के लिए मजबूर हुए। विधानसभा में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा लाए गए विश्वासमत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तेजस्वी ने रिकॉर्ड नौवीं बार और पांच साल के कार्यकाल के भीतर तीसरी बार शपथ लेने को लेकर भी मुख्यमंत्री पर तंज कसा और कहा कि ऐसा उदाहरण पहले कभी नहीं देखा गया। तेजस्वी ने कहा मैंने नीतीश कुमार को हमेशा दशरथ की तरह माना। मुझे नहीं पता कि किस वजह से वह महागठबंधन को धोखा देने को मजबूर हुए।

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