नई दिल्ली,
किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, मैं अभी भी मानता हूं कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकाला जा सकता है. मुंडा ने कहा, यह बात किसानों को भी समझना चाहिए, सरकार की पद्धति और मापदंड होते हैं, ऐसे मामले राज्यों से जुड़े हुए हैं और उनके साथ भी बातचीत करना होता है.
कृषि मंत्री ने कहा, ‘उसके बाद संगठनों के साथ भी बात करना होती है, साथ ही साथ अनुकूल और प्रतिकूल विषयों पर भी चर्चा करनी होती है जिससे कि किसानों के हित और देश के हित को देखा जा सके. उन्होंने कहा, किसानों को इस बात को समझने की जरूरत है.’
मुंडा ने कहा, ‘एमएसपी की जो बात की जा रही हैं, एमएसपी में 2013 और 14 की तुलना में 2023 और 24 में एमएसपी दर क्या ये देखना चाहिए, हम भी चाहते हैं कि किसानों को उनके उत्पाद का पूरा मूल्य मिले. मैं समझता हूं कि एमएसपी के मामले में यह बात कहना कि अभी ही सारी चीजें मिल जानी चाहिए, राजनीति से प्रेरित नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘मैं राजनीतिक दलों के बारे में यह कहना चाहता हूं किसानों के मामले में उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए, खासकर कांग्रेस की बात करें तो उन्हीं के शासनकाल में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट आई थी तो उस समय इस कमेटी की रिपोर्ट को क्यों खारिज किया गया था.’
मंत्री ने कहा, ‘अलग-अलग राज्यों के प्रशासनिक और लॉ एंड आर्डर के लिए व्यवस्था होती है, अपने-अपने राज्य में ला एंड आर्डर कैसा रहे उसकी दृष्टि से कदम बढ़ाए जा रहे हैं, मैं इतना कह सकता हूं कि किसानों को संवेदनशीलता के साथ विचार करने के लिए बातचीत के माध्यम से हमें समाधान ढूंढेंगे. हम आगे भी बैठक के लिए तैयार हैं, हमारे दरवाजे खुले हुए हैं.’