गाजा के नुसीरत रिफ्यूजी कैंप पर इजरायल ने की बमबारी, दो दर्जन से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत

नई दिल्ली,

गाजा में उठते धुएं का गुबार. लगातार हो रही बमबारी. बारूद की बौछार करते इजरायली टैंक. गाजा में पिछले चार महीने से इसी तरह के दृश्य देखे जा रहे हैं. हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मंगलवार को एक बार फिर इजरायल ने मध्य गाजा में नुसीरत रिफ्यूजी कैंप के एक मकान पर बमबारी कर दी. इसमें कई लोग घायल हो गए. हमले के बाद का एक वीडियो फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी की ओर से जारी किया गया.

इस वीडियो में स्वास्थ्यकर्मियों को हमले में घायल लोगों को एंबुलेंस में ले जाते देखा गया. वहीं दूसरा हमला इजरायल ने गाजा पट्टी में दीर अल-बलाह में किया. इसमें कम से कम 29 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. इजरायली सेना ने खान यूनिस पर भी बमबारी जारी रखी, जिसमें अब तक 20 लोग मारे जा चुके हैं. इजरायली सेना के मुताबिक दक्षिणी शहर राफ़ा में इज़रायली सेना ने एक वाहन पर हमला किया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई.

लगातार हो रही इस बमबारी ने गाजा के लोगों का जीवन बेहद मुश्किल कर दिया है. इसी बीच एक पत्रकार का वीडियो भी सामने आया जिसमें गाजा में हो रही भारी बमबारी की कुछ तस्वीरों को कैद करने का दावा किया गया है. इस वीडियो में पत्रकार को जान बचाने के लिए भागते हुए देखा जा सकता है. पिछले चार महीने से चल रही इस जंग में अब तक करीब 29 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है. लाखों की संख्या में लोग अपने घर से बेघर हो चुके हैं.

इसके साथ ही इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में कैद इजरायली बंधकों की रिहाई के बदले में कोई भी कीमत चुकाने से भी इनकार कर दिया है. इजरायली वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच की माने तो सैन्य दबाव बढ़ाकर हमास को हराने के बाद बंधकों की रिहाई की योजना बनाई जा रही है. अभी भी गाजा में 134 इजरायली नागरिक कैद में हैं. यही वजह है कि लगातार बढ़ते जा रहे अंतराष्ट्रीय दबाव के बावजूद इजरायल अपने कदम पीछे नहीं हटा रहा है.

हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी ड्रोन को मिसाइल से बनाया निशाना
अमेरिका और ब्रिटेन की संयुक्त कार्रवाई के बावजूद लाल सागर में हूती विद्रोहियों का आतंक जारी है. हूती के लड़ाकों ने एक बार फिर से अमेरिका के एक ड्रोन को निशाना बनाया. हूती ने एक वीडियो जारी किया है और अमेरिका के ड्रोन MQ-9 को मार गिराने का दावा किया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि आसमान में उड़ती हुई किसी चीज़ को मिसाइल से निशाना बना जा रहा है. इस्लामिक नारे भी सुनाई दे रहे हैं. ड्रोन का मलबा लाल सागर बंदरगाह शहर होदेइदाह के पास गिरा मिला.

लाल सागर में हूती विद्रोहियों का ये हमला इससे पहले भी कई बार हो चुका है. नवंबर से हूती के लड़ाके इज़रायल और उसके सहयोगी देशों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. इसमें वो उनके मालवाहकों पर हमले कर रहे हैं. हूती विद्रोहियों का कहना है कि ये कार्रवाई फिलिस्तीनियों के समर्थन में है. जब तक इजरायल गाजा पर हमले नहीं रोकता. उसकी घेराबंदी खत्म नहीं करता तब तक उसका ये अभियान जारी रहेगा. हालांकि हूती कार्रवाई के खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन ने भी कई बार हमले किए हैं.

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच भीषण जंग के आसार
गाजा में चल रही लड़ाई के बीच इजरायल और लेबनान में भी भीषण जंग छिड़ने के आसार दिख रहे हैं. इजरायल के युद्धक विमानों ने बीते सोमवार की देर रात दक्षिणी लेबनान के बंदरगाह शहर सिडोन के पास गाजियाह में हवाई हमले किए हैं. हिजबुल्लाह के हथियार डिपो को निशाना बनकर हुए इस हमले में 14 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके साथ ही कई इमारतों में भयंकर आग लग गई. प्रत्यक्षदर्शियों ने कई तेज धमाकों की आवाजें सुनने की भी बात कही है.

गाजियाह शहर के चारों ओर धुएं का गुब्बार भी देखा गया. यह शहर पोर्ट सिटी सिडोन के ठीक दक्षिण में और इजराइल की सीमा से करीब 60 किलोमीटर उत्तर में मौजूद है. लेबनान के संसद सदस्य ओसामा साद ने कहा कि इजरायल अब तक गाजा में कुछ भी नहीं कर पाया. लेबनान में भी कुछ हासिल नहीं होने वाला है. वो लेबनानी और फिलिस्तीनी लोगों को डराने के प्रयास में नागरिकों को निशाना बना रहा है. लेकिन उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं होने वाला है.

हिजबुल्लाह ने कहा- इजरायल को कीमत चुकानी होगी
इजरायली सेना का कहना है कि उसने ये हमले सोमवार को उत्तरी इज़रायल के तिबरियास शहर पर हुए ड्रोन हमले का बदला लेने के लिए किया. लेबनान के हथियारबंद संगठन हिजबुल्लाह ने इस हमले की कड़ी निंदा की है. इसके साथ ही कहा कि इजरायल को इसकी कीमत चुकानी होगी. पिछले साल 7 अक्टूबर को शुरू हुए गाजा में संघर्ष के साथ ही इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच झड़पें शुरू हो गई थी. अब तक लेबनान में 254 लोग मारे जा चुके हैं.

फिलिस्तीनी इलाकों पर इजरायली कब्जे को लेकर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. नीदरलैंड्स के हेग में मौजूद इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस इस बात की सुनवाई कर रहा है कि 1967 में छह दिन के युद्ध के बाद इजरायल ने फिलिस्तीन के इलाको में जो क़ब्ज़ा किया, वो वैध था या नहीं? अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में ये सुनवाई 26 फरवरी तक चलेगी. इसमें 50 से ज्यादा देश दलीलें पेश करेंगे. सुनवाई के पहले दिन फिलिस्तीन के राजनयिकों और वकीलों ने अपना पक्ष रखा.

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