पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर खनौरी में हिंसा, एक किसान की मौत, दो की हालत नाजुक 12 पुलिसकर्मी घायल

चंडीगढ़

पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें 21 साल के एक किसान की मौत हो गई। वहीं लगभग 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए। किसान नेताओं ने कहा कि 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च के शुरू होने के बाद से हुई झड़पों में यह पहली मौत है। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि मृतक की पहचान पंजाब के बठिंडा जिले के बलोके गांव निवासी शुभकरण सिंह (21) के रूप में हुई है।

दो किसानों की हालत नाजुक
पटियाला स्थित राजिंदर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एचएस रेखी ने संवाददाताओं को बताया कि तीन लोगों को खनौरी सीमा से अस्पताल लाया गया, जिनमें से एक मृत था। रेखी ने कहा कि मृतक के सिर पर चोट लगी थी लेकिन उसकी मौत का सही कारण पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चल सकेगा। उन्होंने कहा कि अन्य दो लोगों की हालत स्थिर है।

हरियाणा पुलिस ने रबड़ की गोलियां भी चलाईं
पंजाब के किसान दिल्ली में प्रवेश करने के लिए शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैरिकेड्स की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। खनौरी में किसानों ने दावा किया कि आंसू गैस के गोले के अलावा हरियाणा पुलिस ने रबड़ की गोलियां भी चलाईं।

किसानों ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरों और लाठियों से हमला किया
हरियाणा पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरों और लाठियों से हमला किया। इससे पुलिस के 12 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने खनौरी बॉर्डर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को घेरने के बाद पराली पर मिर्च पाउडर डाला और आग लगा दी। उन्होंने बताया कि जहरीले धुएं से इलाके में तैनात पुलिसकर्मियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और उन्हें आंखों में जलन का सामना करना पड़ा।

कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील
हरियाणा पुलिस ने किसानों से शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से आग नहीं लगाने का भी आग्रह किया क्योंकि धुएं से दृश्यता कम हो जाती है और पुलिस को व्यवस्था बनाए रखने में दिक्कत होती है।

हरियाणा पुलिस की आलोचना की
प्रदर्शनकारियों पर कथित रूप से ‘बल’ प्रयोग करने के लिए हरियाणा पुलिस की आलोचना करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि एक तरफ सरकार उनसे बातचीत करना चाहती है जबकि दूसरी तरफ एक मां का बेटा है, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कर्ज माफी पर कानून के लिए आया था अपनी जान गंवा बैठा।

किसान की मौत पर आम आदमी पार्टी क्या बोली?
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि एक युवा किसान की मौत होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बल प्रयोग किया गया। उन्होंने हरियाणा पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है।

किसान की मौत को बादल ने ‘बेहद दुखद’ बताया
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने युवा किसान की मौत को ‘बेहद दुखद’ करार दिया। बादल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि खनौरी सीमा पर हरियाणा पुलिस की गोलीबारी में मौर (बठिंडा) के युवक शुभकरण सिंह की मौत से पंजाब में शोक की लहर दौड़ गई है। दो बहनों के इकलौते भाई की मौत के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का षड्यंत्र जिम्मेदार है। बादल ने आरोप लगाया कि दूसरे राज्य की पुलिस को पंजाब की धरती पर पंजाबियों पर हमला करने और उन्हें मारने की अनुमति है। भगवंत मान, पंजाब के किसानों के खिलाफ हरियाणा के साथ सहयोग कर रहे हैं। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध का गोलियों से सामना करना पहले कभी नहीं सुना। शुभकरण सिंह का खून भगवंत मान के हाथों पर लगा है।

About bheldn

Check Also

अब NO राजनीति! दरभंगा AIIMS पर दिल्ली से आई गुड न्यूज, ताजा अपडेट जान लीजिए

दरभंगा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दरभंगा के शोभन बाइपास वाली जमीन को एम्स निर्माण के …