नई दिल्ली,
होली के बाद मौसम पर अब तेजी से चुनावी रंग चढ़ रहा है. पहले चरण की सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने को है तो वहीं अभी भी कई सीटें ऐसी हैं जहां से टिकटों का ऐलान बाकी है. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 63 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली ही लिस्ट में खीरी सीट से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया था जबकि पीलीभीत से वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया गया है. ऐसे में अब नजरें कैसरगंज सीट पर टिक गई हैं.
कैसरगंज सीट से तीन बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह का क्या होगा? बीजेपी छह बार के सांसद बृजभूषण पर दांव लगाएगी या किसी नए चेहरे को उतारेगी, इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. टिकट पर संशय के बीच बृजभूषण शरण सिंह के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने अटकलों को और हवा दे दी है.
बृजभूषण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है, “मेरे लोकसभा कैसरगंज की जनता का सुख दुख मेरा अपना सुख दुख है. इनके पास आकर ऐसा लगता है हमेशा जैसे कि मैं अपने परिवार मे ही आया हूं. क्योंकि यही मेरा परिवार है (मोदी जी का परिवार) और मोदी जी के परिवार ने मिल कर ठाना है अबकी बार 400 पार पहुंचना है.”
बृजभूषण ने पोस्ट में मोदी जी के परिवार का जिक्र किया है तो वहीं वीडियो में उनकी पगड़ी और गमछे के रंग को लेकर सियासी संदेश तलाशे जाने लगे हैं. इस वीडियो में बृजभूषण लाल रंग की पगड़ी पहने नजर आ रहे हैं और नीला गमछा लिए हुए हैं. अब बृजभूषण की पगड़ी और गमछे के रंग के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं तो इसके पीछे वजह यह है कि उनकी पगड़ी का रंग वैसा ही है जैसा सपा की टोपी का और नीले रंग को सियासत में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से जोड़कर देखा जाता है. ऐसे में सवाल यह उठ रहे हैं कि बृजभूषण अपनी पोस्ट के जरिए क्या संदेश देना चाहते हैं?
वीडियो और पोस्ट में किसके लिए क्या संदेश
बृजभूषण की पोस्ट में मोदी के परिवार के जिक्र को बीजेपी के लिए पार्टी की नीतियों और नेतृत्व में विश्वास का संदेश बताया जा रहा है तो साथ ही सपा-बसपा जैसी पार्टियों के साथ ही अपने कार्यकर्ताओं के लिए मैसेज भी. वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर श्रीराम त्रिपाठी ने कहा कि बृजभूषण की यह सोशल मीडिया पोस्ट बीजेपी से टिकट कटने की आशंकाओं के बीच पार्टी और अपने समर्थकों के लिए संदेश अधिक है. नीले गमछे और लाल पगड़ी के जरिए बृजभूषण ने यह संदेश दे दिया है कि अगर बीजेपी से टिकट नहीं मिलता तो उन्हें सपा-बसपा के सिंबल पर चुनाव मैदान में उतरने से भी परहेज नहीं. यह टिकट के ऐलान से पहले प्रेशर टैक्टिस भी हो सकता है.
सपा से भी सांसद रह चुके हैं बृजभूषण
बृजभूषण शरण सिंह दो बार गोण्डा, एक बार बहराइच और कैसरगंज लोकसभा सीट से लगातार तीन बार के सांसद हैं. वह पहले भी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, जीत चुके हैं. कैसरगंज सीट से अपना पहला चुनाव ही बृजभूषण सपा के टिकट पर जीते थे. सपा और बसपा ने भी कैसरगंज से उम्मीदवार के नाम का ऐलान अभी नहीं किया है.
दरअसल, 2008 में यूपीए सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर क्रॉस वोटिंग के आरोप में बीजेपी ने बृजभूषण को पार्टी से निलंबित कर दिया था. 2009 के चुनाव में वह कैसरगंज सीट से सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे और जीते भी. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बृजभूषण बीजेपी में लौट आए और कैसरगंज सीट से ही संसद पहुंचे. 2019 में भी वह बीजेपी के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए. कैसरगंज सीट से
क्यों लग रहीं टिकट कटने की अटकलें?
बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कटने की अटकलों के पीछे महिला पहलवानों के आरोप और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव नतीजों के बाद हुई नारेबाजी को वजह बताया जा रहा है. बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए पहलवान दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे. बाद में डब्ल्यूएफआई के चुनाव में बृजभूषण समर्थित संजय सिंह अध्यक्ष निर्वाचित हो गए. संजय की जीत के बाद समर्थकों ने बृजभूषण को फूल-माला से लाद दिया था और ‘दबदबा तो है, दबदबा तो रहेगा’ के नारे भी लगाए थे.
बृजभूषण को बीजेपी ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी जगह नहीं दी है. वह जिस कैसरगंज सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, उसके आसपास की कई सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों का ऐलान भी कर दिया है. बीजेपी ने गोण्डा से कीर्तिवर्धन सिंह, श्रावस्ती से साकेत मिश्रा, बहराइच से सांसद अक्षयवर लाल गोंड के इकलौते बेटे डॉक्टर आनंद गोंड को टिकट दे दिया है लेकिन कैसरगंज को लेकर पार्टी ने पत्ते नहीं खोले हैं. अब पीलीभीत से वरुण का टिकट कटने के बाद बृजभूषण के टिकट पर सस्पेंस और गहरा गया है.