नई दिल्ली,
पंजाब से आम आदमी पार्टी के एकमात्र लोकसभा सांसद और एक विधायक के बुधवार को भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद, राज्य के तीन आप विधायकों ने दावा किया कि उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए पैसे की पेशकश की गई. उन्होंने कहा कि इसके लिए बकायदा उनके पास फोन आए.आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने पंजाब में ‘फिर से ऑपरेशन लोटस’ शुरू कर दिया है और अरविंद केजरीवाल की पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है.
दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘पंजाब के हमारे तीन विधायकों ने वहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की… उन्होंने कहा कि न केवल इन तीन बल्कि हमारे अधिकांश विधायकों को फोन कॉल आए जिसमें उन्हें भाजपा में शामिल होने का लालच दिया गया. मुझे लगता है कि अरविंद केजरीवाल जो पहले कह रहे थे वह आज सच हो गया है. ऑपरेशन लोटस सिर्फ AAP को तोड़ने और दिल्ली और पंजाब में हमारी सरकारों को गिराने के लिए चलाया गया है, लेकिन हमें अपने विधायकों पर गर्व है कि वो इसे पार्टी के संज्ञान में लाए और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.’
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमारे पंजाब के तीन विधायकों ने वो नंबर भी साझा किए हैं जिनसे उनको ये कॉल आई थी. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल तो चाहते हैं कि न अंदर से सरकार चले और न ही बाहर से सरकार चले.सीएम पद से अरविंद केजरीवाल को पद से हटाने की अर्जी को लेकर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब संविधान में कोई कमी नजर नहीं आई तो ऐसे याचिका कोर्ट में दायर की गई.
पंजाब के विधायकों ने की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस
बुधवार को ही पंजाब के तीन विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जलालाबाद से आप विधायक जगदीप कंबोज गोल्डी ने दावा किया कि उन्हें मंगलवार को एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से सेवक सिंह नामक व्यक्ति ने भाजपा में शामिल होने के प्रस्ताव के साथ फोन किया था और 20-25 करोड़ रुपये ऑफर किए गए.इसी तरह के दावे बल्लुआना विधायक अमनदीप सिंह और लुधियाना दक्षिण विधायक राजिंदर पाल कौर छीना ने भी किए.
कंबोज ने आरोप लगाया कि भाजपा अरविंद केजरीवाल और आप से डरी हुई है. उन्होंने कहा,’जहां वे लोगों का जनादेश जीतने में विफल रहते हैं, वे किसी भी कीमत पर विधायकों, सांसदों और अन्य आप नेताओं को खरीदने की कोशिश करते हैं.अरविंद केजरीवाल ऐसे नेता हैं जिन्होंने राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी और हमेशा काम की राजनीति की, लेकिन झूठे मामले दर्ज किए गए और कई आप नेताओं को बिना किसी सबूत के जेल भेज दिया गया.’