बांग्लादेश में भारतीय चीजों का बहिष्कार करने की मुहिम पर भड़कीं शेख हसीना, दी ये खुली चुनौती

नई दिल्ली,

पड़ोसी देश बांग्लादेश में विपक्षी नेताओं की ओर से चलाई जा रही भारत विरोधी मुहिम ‘इंडिया आउट’ कैंपेन पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने करारा प्रहार किया है. विपक्षी पार्टी खासकर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेताओं को करारा जवाब देते हुए शेख हसीना ने कहा है, ‘जब वे अपने पार्टी कार्यालय के सामने अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियां जलाएंगे, तभी यह साबित होगा कि वे वास्तव में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

बांग्लादेश की न्यूज वेबसाइट ‘द डेली स्टार’ के मुताबिक, बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रम में उस वक्त नाटकीय मोड़ देखने को मिला जब प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विपक्षी नेताओं के ‘इंडिया आउट’ कैंपेन का जवाब भारतीय साड़ियों से जोड़कर दिया. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शेख हसीना के बयान से बांग्लादेश की राजनीति में और भूचाल आने की संभावना है.

दरअसल, पिछले सप्ताह मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी के सीनियर ज्वॉइंट सेक्रेटरी जनरल रुहुल कबीर रिजवी ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारत बांग्लादेश के लोगों को नहीं, बल्कि अवामी लीग का समर्थन करता है. यही कारण है कि बांग्लादेश के लोग ‘इंडिया आउट’ कैंपेन चला रहे हैं और भारतीय उत्पादों का बहिष्कार कर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी का नाम बांग्लादेश अवामी लीग है.

विपक्षी पार्टी के नेताओं पर हसीना का पलटवार
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विपक्षी नेताओं पर यह निशाना ऐसे समय में साधा है जब हाल ही में रुहुल कबीर रिजवी ने ‘इंडिया आउट’ कैंपेन का समर्थन करते हुए अपनी कश्मीरी शॉल को जला दिया था. बीएनपी के ही एक अन्य नेता जैनुल आबेदीन फारूक ने शुक्रवार को कहा था कि भारत ने बांग्लादेश के लोगों की इच्छा के खिलाफ जाकर हसीना सरकार का समर्थन किया है. यही वजह है कि बांग्लादेश के लोग भारतीय उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं.

बुधवार को बांग्लादेश के आजादी दिवस पर बोलते हुए शेख हसीना ने कहा कि बीएनपी के नेता ने अपनी कश्मीरी शॉल जला दी. क्या ये बताएंगे कि बीएनपी नेताओं की पत्नियों के पास कितनी भारतीय साड़ियां हैं? मैंने बीएनपी नेताओं (मंत्रिओं) की पत्नियों को ईद से पहले भारत से आयातित साड़ियां बेचते देखा है. अगर बीएनपी के नेता वास्तव में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं तो वे अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियां जला देंगे. शेख हसीना ने आगे कहा, “उन्हें यह जवाब देना होगा कि क्या वे भारतीय मसालों के बिना खाना खा सकते हैं. मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या उन्होंने सच में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार किया है?

बांग्लादेश में हुए चुनाव से भारत का क्या कनेक्शन?
जनवरी 2024 में बांग्लादेश में हुए आम चुनाव का मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी और उनके सहयोगियों ने बहिष्कार किया था. भारतीय विदेश मंत्रालय और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग शुरुआत से ही यह कहता आ रहा है कि वह बांग्लादेश में लोगों की अपेक्षा के अनुरूप हमेशा शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक चुनाव का समर्थन करता है.

हालांकि, अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादिर ने पिछले शनिवार को यह कहा था कि भारत के समर्थन के कारण ही कई शक्तिशाली देश, चुनाव समेत बांग्लादेश के अन्य घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करने से बचते हैं. वहीं, बांग्लादेश के विपक्षी नेताओं का कहना है कि भारत के समर्थन के कारण ही इस एकतरफा चुनाव को वैश्विक मान्यता मिली है. इसलिए इंडिया आउट कैंपेन के माध्यम से भारत और उसके उत्पादों का बहिष्कार किया जाना चाहिए.

बांग्लादेश में क्यों शुरू हुआ इंडिया आउट कैंपेन?
मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में भले ही भारत के साथ अच्छे रिश्ते रखने वाली सरकार की बार-बार जीत हो रही है लेकिन वहां भारत विरोधी भावनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं. पिछले साल हुए 19 नवंबर को हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 में इसका एक उदाहरण देखने को मिला जब ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को हरा दिया. भारत की हार को बांग्लादेश में किसी उत्सव की तरह मनाया गया. हजारों लोग ढाका विश्वविद्यालय कैंपस में जमा हो गए और उन्होंने भारतीय टीम के खिलाफ नारेबाजी की.

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