देवघर:
गोड्डा से भाजपा प्रत्याशी और निवर्तमान सांसद निशिकांत दुबे पर एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर करोड़ों रुपए के एक मेडिकल कॉलेज को हड़पने का आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम सहित 9 लोगों के खिलाफ जसीडीह थाना में मामला दर्ज कराया गया है। दर्दमारा बॉर्डर स्थित परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को साजिश के तहत हड़पने और धोखाधड़ी सहित धारा 406, 409, 420, 467, 468, 471, 120बी, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये एफआईआर बावनबीघा निवासी शिव दत्त शर्मा ने दर्ज कराया है।
क्या है पूरा मामला और आरोप
एफआईआर दर्ज कराने वाले शिव दत्त शर्मा ने बताया है कि वर्ष 2009 में पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई में बैंकों के एक संघ ने जमीन को गिरवी रखने और पीएमसीएच को बंधक रखने के बदले मेरे संस्थान, परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए 93 करोड़ रुपए की ऋण राशि मंजूर की। भारतीय चिकित्सा परिषद नई दिल्ली ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की स्थापना-संचालन के लिए अपनी नीति में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किया। जिसे मेरा कॉलेज पूरा नहीं कर सका। एमसीआई से मान्यता हासिल करने में विफल रहा। जिसके कारण पीएमसीएच (परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) चालू नहीं हो सका। जिससे मेरे लोन को गैर-निष्पादित घोषित कर दिया गया। लोन अकाउंट को एनपीए कर दिया गया। बिना मेरी ओर से किसी गलती के बैंक कंसोर्टियम द्वारा समझौते का पालन न करने की बात कही गई।
वहीं, जानकारी के बाद गोड्डा के निवर्तमान सांसद निशिकांत दुबे और उनकी पत्नी अनामिका गौतम बैंकों के जरिए दबाव बनाया। पीएमसीएच से संबंधित ऋण खाते को एनपीए घोषित कर नीलामी के जरिए अनामिका गौतम इस संस्थान के मालिक होने की इच्छा व्यक्त कीं। इस दौरान निशिकांत दुबे ने ये कहकर मेरा विश्वास जीता कि वो पीएमसीएच के लिए एक साझेदार ढूंढेंगे और इसे वित्तीय संकट से उबारेंगे। जिसके तहत 24 जून को निशिकांत दुबे ने संपूर्ण दस्तावेज सौंपने की बात कही। फिर संबंधित खर्चों को लेकर 25 लाख रुपए की मांग की। जिसको लेकर मेरे द्वारा उन्हें 20 लाख रुपए दे दिया गया। एक समाचार पत्र में मेरी संपत्ति बिक्री उद्घोषणा नोटिस प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद दिसंबर के दूसरे सप्ताह में, मुझे पता चला कि 22 नबंवर 2023 को बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट नाम से एक नया ट्रस्ट पंजीकृत कराया गया है। जिसका मुख्य कार्यालय धवनदीप बिल्डिंग, जंतर मंतर रोड, नई दिल्ली में है। जिसकी मालकीन अनामिका गौतम हैं, जबकि उनके दो बेटे ट्रस्टी हैं।
मेडिकल कॉलेज का ट्रस्ट और कंस्ट्रक्शन कंपनी कनेक्शन
एफआईआर के मुताबिक बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के द्वारा डीआरटी पीएनबी ने नीलामी अधिसूचित की है और बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट ने नियमों को ताख पर रख कर 20 दिसंबर को 60 करोड़ रुपए में नीलामी की अनुमति ले ली। जो कि निशिकांत दुबे, अनामिका गौतम और संबंधित लोक सेवकों की मिलीभगत और साजिश का नतीजा था। इसके बाद 26 सितंबर को केंद्रीय जीएसटी के अधिकारियों ने राजबीर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित परिसरों पर छापेमारी की। जिसमें बिमल कुमार अग्रवाल, पुनीत अग्रवाल और बीर कुमार अग्रवाल इस कंपनी के निदेशक हैं।
आगे कुछ ऐसा हुआ कि अनामिका गौतम, बिमल कुमार अग्रवाल, वैभव अग्रवाल, बीर कुमार अग्रवाल, कनिष्कान्त दुबे, माहिनकान्त दुबे, जूली अग्रवाल, रितु अग्रवाल, देवता कुमार पाण्डेय जो बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के ट्रस्टी और सचिव बन गए। जिसे 29 नबंवर को बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट ने एसबीआई बैंक खाते में ट्रस्ट केवल 15 हजार रुपए की ट्रस्ट संपत्ति के साथ खोला गया था।
जिसके कुछ समय बाद बिमल कुमार अग्रवाल 1.50 करोड़, डीएसआर इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड 26 लाख, डीएसआर इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड 24 लाख, शरीन हायर के द्वारा 36 लाख, एमए वित्तीय सेवाएं 30 लाख, बिमल कुमार अग्रवाल 1.45 करोडट, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड 45 लाख, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड 40 लाख, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड लिमिटेड 21 लाख, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड 22 लाख, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड 26 लाख, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड 30 लाख, अनामिका गौतम 1.25 करोड़, निशिकांत दुबे 1 करोड़ और पुनीत अग्रवाल के द्वारा 2 लाख बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के अकाउंट में जमा किया गया।
सोशल मीडिया पर निशिकांत दुबे ने किया कांग्रेस को चैलेंज
परित्राण मेडिकल कॉलेज अस्पताल मामले पर झारखंड कांग्रेस ने ट्वीट किया कि ‘मोदी का परिवार और भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे के खिलाफ करोड़ों के मेडिकल कॉलेज हड़पने को लेकर एफआईआर दर्ज, जसीडीह थाना में हुआ मामला दर्ज।’ इसके जवाब में निशिकांत दुबे ने लिखा कि ‘यह मेरे उपर 44वां केस है, झारखंड में कॉंग्रेस और झामुमो की सरकार बनने के बाद, हेमंत सोरेन जी जेल जा चुके हैं मेरे ऊपर केस करते-करते। अब CBI के कोर्ट से भगोड़ा घोषित एक अपराधी जिसके ऊपर हत्या, डकैती, बलात्कार और बैंक को चूना लगाने के दर्जनों केस लंबित है, उनको लेकर आए हैं। इस FIR में यह कहा गया है कि मैंने एक करोड़ दिया है। अगर, झारखंड पुलिस ये साबित कर दे तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। ये मेडिकल कॉलेज DRT कोर्ट के नीलामी में खरीदा गया है। झारखंड हाईकोर्ट ने इस पर मुहर लगाई है। मैं इसका ट्रस्टी नहीं हूं, मैं भाजपा का सिपाही हूं, पूरे सोरेन परिवार को जेल भेजूंगा। इस फुटफुटिया से मेरा क्या होगा।’