झुंझुनू/जयपुर
लोकसभा चुनाव को लेकर इस बार राजस्थान में कांग्रेस को चुनाव लड़ाने के लिए उम्मीदवार नहीं मिलने की सियासी चर्चा जोरों पर है। इसको लेकर बीजेपी कांग्रेस पर जमकर हमले कर रही है। इस बात की पुष्टि खुद कांग्रेस के नेता भी करने लगे हैं। झुंझुनू लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी बृजेंद्र ओला का भी चुनाव लड़ने का मन नहीं था। उन्होंने अपने दिल की पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि ‘मैं तो चुनाव ही नहीं लड़ना चाहता था। मैंने पार्टी को मना कर दिया था। लेकिन फिर पार्टी नेतृत्व के आग्रह के कारण मैं चुनाव मैदान में उतरा हूं। पार्टी के अस्तित्व पर संकट को देखकर ही मैंने चुनाव लड़ने का निर्णय किया।’
ओला ने कहा- ‘किसी को भी चुनाव लड़वा दो, मैं मदद करूंगा’
इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पास चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार नहीं है। यह बात साबित होती हुई नजर आ रही है। कांग्रेसी प्रत्याशी बृजेंद्र ओला ने कहा कि ‘मैं तो चुनाव ही नहीं लड़ना चाहता था। मैंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट को मना कर दिया था। मैंने उनसे आग्रह किया था कि किसी को भी चुनाव लड़वा दो, मैं पूरी मदद करूंगा। लेकिन पार्टी के अस्तित्व को संकट में देखकर पार्टी हाई कमान ने मुझे चुनाव लड़ने के लिए आग्रह किया। इसके कारण मैं चुनाव मैदान में उतरा हूं।’
बृजेंद्र ओला का क्या है पॉलीटिकल बैकग्राउंड
बृजेंद्र ओला झुंझुनू विधानसभा सीट से विधायक हैं। इसके अलावा ओला लगातार चार बार यहां से विधायक चुने गए। बृजेंद्र ओला के पिता शीशराम ओला झुंझुनू लोकसभा सीट से सांसद और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। 2019 में कांग्रेस ने झुंझुनू लोकसभा सीट से श्रवण कुमार को टिकट दिया था। लेकिन इस बार कांग्रेस ने टिकट में बदलाव करते हुए बृजेंद्र ओला को टिकट दिया है। बता दें कि, ओला की पत्नी राजबाला भी लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, कांग्रेस में टिकट लेने को तैयार नहीं है
जोधपुर में गजेंद्र सिंह शेखावत की नामांकन रैली के दौरान मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने जयपुर और राजसमंद के टिकटों की उठापटक को लेकर खूब हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में क्या हालत हो गई है? जयपुर में प्रत्याशी (सुनील शर्मा) से टिकट छीन लिया गया। दूसरे को टिकट दिया तो, वह (प्रताप सिंह खाचरियावास) टिकट लेना नहीं चाहता। वह अपनी हार से बचना चाहता है। जबकि राजसमंद में कांग्रेस का प्रत्याशी (सुदर्शन सिंह रावत) टिकट लेना चाहता ही नहीं। कांग्रेस की क्या हालत हो गई? कांग्रेस के टिकट पर कोई चुनाव लड़ने के लिए तैयार ही नहीं।