इजरायल रवाना हुआ भारतीय श्रमिकों का पहला जत्था, जून तक 1000 कामगारों को भेजने की तैयारी

तेल अवीव:

भारतीय श्रमिकों का पहला जत्था मंगलवार को इजरायल रवाना हुआ। इस बैच में 60 श्रमिक शामिल हैं। ये श्रमिक इजरायल के निर्माण उद्योग को मजबूती देंगे। इजरायल ने जून तक 10000 भारतीय श्रमिकों को इजरायल बुलाने का प्रस्ताव दिया है। भारतीय श्रमिकों को फिलीस्तीनी श्रमिकों के स्थान पर काम के लिए लगाया जाएगा। इजरायल ने इसे दोनों देशों के संबंधों में मील का पत्थर बताया है। इन श्रमिकों को भारत में नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के जरिए ट्रेनिंग दी गई है। इन श्रमिकों को भारत और इजरायल के बीच हुए समझौते के तहत भेजा जा रहा है।

इजरायली राजदूत ने क्या कहा
भारतीय श्रमिकों के पहले जत्थे की विदाई के मौके पर भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा, “आज हमने सरकार से सरकार (जी2जी) समझौते के तहत 60 भारतीय निर्माण श्रमिकों के पहले बैच का विदाई समारोह आयोजित किया। यह राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) सहित कई लोगों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। मुझे यकीन है कि ये श्रमिक इजराइल और भारत के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी के ‘राजदूत’ बनेंगे।”

इजरायल में 18000 भारतीय
वर्तमान में इजरायल में 18000 से ज्यादा भारतीय रह रहे हैं। इनमे से अधिकतर मुख्य रूप से केयरटेकर का काम करते हैं। हालांकि, पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल और हमास के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद इजरायल में पढ़ने वाले अधिकतर भारतीय छात्र लौट आए हैं। चूंकि संघर्ष जारी है, इसलिए संभावित हताहत होने का डर है जिसके परिणामस्वरूप विदेश मंत्रालय ने पहले एक सलाह जारी की थी। 4 मार्च को इजरायल के एक बगीचे में काम कर रहे एक भारतीय की मिसाइल हमले में मौत हो गई थी। अगले दिन, भारत ने अपने नागरिकों को संघर्ष वाले क्षेत्रों से दूर जाने के लिए एक सलाह जारी की थी।

भारत से 10 हजार कामगारों को बुला रहा इजरायल
इजरायल ने जून तक 10000 भारतीय कामगारों को बुलाने का ऐलान किया था। पिछले महीने इजरायल में स्थित मोदी’इन-मैककैबिम-रेउट शहर में नेशनल लेबर फेडरेशन कॉम्प्लेक्स में बोलते हुए इजरायली अधिकारियों ने कहा कि जून के अंत तक 10,000 कर्मचारी भारत से आएंगे जो विदेशी कामगारों की जगह लेंगे। इजरायल में 7 अक्टूबर से पहले लगभग 1 लाख फिलिस्तीनी कामगार काम करते थे। लेकिन, अब सुरक्षा कारणों से इजरायल ने इनके काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इजरायल में चीन और दूसरे देशों के कर्मचारी भी युद्ध के कारण अपने देश लौट चुके हैं।

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