नई दिल्ली,
नए वित्तीय वर्ष FY25 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी बैठक शुक्रवार को खत्म हो गई और केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसमें लिए गए फैसलों का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि RBI MPC बैठक में रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव ना करने का फैसला किया है. यानी ये 6.5 फीसदी पर यथावत रहेगा और आपकी ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा. इसके साथ ही गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश की जीडीपी की रफ्तार 7 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है.
जीडीपी को लेकर जाहिर किया ये अनुमान
Repo Rate पर लिए गए फैसले का ऐलान करने के साथ ही रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि इंडियन इकोनॉमी की रफ्तार शानदार बनी हुई है और FY24-25 में GDP Growth Rate 7 फीसदी रहने का अनुमान है. गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक, Q1 में अर्थव्यवस्था 7.1 फीसदी, Q2 में 6.9 फीसदी, Q3 में 7 फीसदी और Q4 में इसके 7 फीसदी की दर से आगे बढ़ने का अनुमान है.
कोर महंगाई में दर्ज की गई कमी
भारतीय अर्थव्यवस्था के आउटलुक की तस्वीर पेश करते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि कोर महंगाई कम हुई है. हालांकि, खाद्य महंगाई दर में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. रिटेल महंगाई (Retail Inflation) का अनुमान 4.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है, जबकि FY25 का Q1 में महंगाई का अनुमान 5 फीसदी से घटकर 4.9 फीसदी और FY25 Q2 में महंगाई दर का अनुमान 4 फीसदी से घटकर 3.8 फीसदी किया गया है. Q3 के लिए महंगाई का अनुमान 4.6 फीसदी पर यथावत है.
2024 के पहले 3 महीने में इतनी रहेगी महंगाई!
RBI Governor ने आगे महंगाई दर पर चर्चा करते हुए कहा कि फरवरी महीने में महंगाई दर 5.1 फीसदी पर है और मार्च महीने के लिए महंगाई दर के 5.2 फीसदी पर रहने का अनुमान है. साल 2024 के पहले 3 महीने में इसके 5.2 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया है. इसके साथ ही एमपीसी की बैठक में शामिल सभी छह सदस्यों ने आर्थिक रुख को Accommodation of Withdrawal रखा है.
तीसरी तिमाही में GDP की तूफानी रफ्तार
गौरतलब है कि बीती तीसरी तिमाही में इंडियन इकोनॉमी 8 फीसदी से ज्यादा की रफ्तार से आगे बढ़ी थी. फरवरी महीने के अंत में सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर नजर डालें तो चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में जीडीपी (India Q3 GDP) तूफानी तेजी से आगे बढ़ी थी और इसे लेकर जारी किए गए सभी पूर्वानुमान फेल हो गए थे. दरअसल, तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ 8.4% की दर से हुई थी. देश में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटीज और सरकारी खर्च में तेजी के चलते GDP की रफ्तार और तेज हुई. इससे पिछली तिमाही में GDP Growth 7.6 फीसदी रही थी.