नई दिल्ली,
अमेरिका में भारतीय मूल के एक शक्स ने हिंदू मंदिर और उसके संगठन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके 11 साल के बेटे का ब्रांडिंग के लिए इस्तेमाल किया है. उन्होंने ये भी दावा किया है कि मंदिर ने उनके बेटे को भगवान विष्णु की तरह दिखाया और उसके कंधे पर दो जगहों पर गर्म रॉड से भी दागा. उन्होंने इसके लिए 10 लाख डॉलर (लगभग 8.3 करोड़ रुपये) के मुआवजे की मांग की है.
ये घटना टेक्सास के शुगर लैंड में स्थित श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर की है. मामले में विजय चेरुवु ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ने बताया कि घटना अगस्त में हुई थी. इससे न सिर्फ उनके बेटे को दर्द सहना पड़ा, बल्कि जिंदगीभर के लिए जख्म भी मिल गया.न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चेरुवु ने बताया, ‘मैं उसे देखकर चौंक गया था. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इसे कैसे संभाला जाए. मेरी सबसे बड़ी चिंता अपने बेटे की भलाई है.’
चेरुवु ने फोर्ट बेंड काउंटी में मुकदमा दायर किया है. मुकदमे के मुताबिक, चेरुवु ने श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर और उसके संगठन जीयार एजुकेशनल ट्रस्ट से 10 लाख डॉलर मुआवजे की मांग की है.श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में पिछले साल अगस्त में हुए समारोह में 100 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे. इनमें तीन बच्चे भी थे, जिनमें से एक चेरुवु का बेटा था. चेरुवु की पूर्व पत्नी उसको मंदिर लेकर गई थी. आरोप है कि बच्चे की इच्छा और पिता की जानकारी और सहमति के बगैर उसे गर्म लोहे की रॉड से दागा गया. चेरुवु के वकील ब्रैंट स्टॉग्नर ने बताया कि टेक्सास में ब्रांडिंग के लिए बच्चों का इस्तेमाल करना या दागना कानून के खिलाफ है, भले ही इसमें माता-पिता की सहमति ही क्यों न हो.
पीड़ित लड़के ने न्यूज एजेंसी से कहा, ‘मैं बहुत हैरान था. मुझे नहीं पता था कि ऐसा कुछ होने वाला है. जब उन्होंने मेरे कंधे पर गर्म रॉड से दागा तो मुझे इतना दर्द हुआ कि मैं लगभग रो पड़ा. उन्हें पता था कि उन्होंने जो किया, वो बहुत गलत था, क्योंकि उन्होंने मुझसे इस बारे में किसी को बताने से मना किया था. लेकिन जब दर्द बर्दाश्त से बाहर हो गया और इन्फेक्शन फैल गया तो मुझे अपने पिता को सब बताना पड़ा.’चेरुवु ने बताया कि उनकी पूर्व पत्नी उनके बेटे को मंदिर ले गई थी. उन्होंने बताया कि अब उनका बेटा थैरेपी ले रहा है. वो बहुत डरा हुआ है. मानसिक रूप से भी परेशान है और हमेशा दर्द में रहता है.