मुंबई\डोंबिवली
ठाणे और कल्याण डोंबिवली दोनों लोकसभा सीटों पर शिवसेना-बीजेपी के बीच खींचतान चल रही है। कल्याण लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के कल्याण पूर्व पदाधिकारी, कार्यकर्ता और विधायक गणपत गायकवाड़ के समर्थक आक्रामक हो गए हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर कल्याण डोंबिवली की सीट शिवसेना के श्रीकांत शिंदे को मिली तो बीजेपी का एक भी कार्यकर्ता काम नहीं करेगा। इसको लेकर कल्याण पूर्व में एक बैठक भी हुई। 24 घंटे से भी कम समय के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने श्रीकांत शिंदे को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसलिए महायुति में यह विवाद कम होगा या बढ़ेगा? आधिकारिक घोषणा के बाद बीजेपी कार्यकर्ता क्या भूमिका निभाएंगे? इस पर सबकी नजर है।
सीट बीजेपी को नहीं मिली तो महागठबंधन नहीं चलेगा
दरअसल स्थानीय बीजेपी नेता और पदाधिकारी वरिष्ठों से पुरजोर मांग करने वाले थे कि कल्याण लोकसभा सीट बीजेपी को दी जाए। वरिष्ठों को यह भी बता देना था कि अगर यह सीट बीजेपी को नहीं मिली तो महागठबंधन नहीं चलेगा। ऐसी चर्चा थी कि ऐसी मांगों का एक हस्ताक्षरित बयान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनुले को भी सौंपा जाएगा।
बीजेपी कार्यकर्ताओं का रुख आक्रामक
बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ के कार्यालय में स्थानीय बीजेपी नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ विधायक गायकवाड़ के समर्थकों की बैठक हुई। आक्रामक रुख यह अपनाया गया कि अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को कल्याण से उम्मीदवार बनाया गया तो कोई भी बीजेपी कार्यकर्ता उनके लिए काम नहीं करेगा। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने यह प्रस्ताव भी पारित किया है कि अगर शिंदे उम्मीदवार होंगे तो वे काम नहीं करेंगे।
आखिर क्या कहा देवेंद्र फडणवीस ने?
देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कोई विरोध नहीं है। श्रीकांत शिंदे कल्याण से शिवसेना के उम्मीदवार होंगे। वह महायुति के उम्मीदवार होंगे। भारतीय जनता पार्टी उनके साथ मजबूती से खड़ी रहेगी। पूरी ताकत और पिछली बार से ज्यादा वोटों के साथ हम सभी- भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना, एनसीपी, आरआईपी, आरएसपी- हमारा व्यापक गठबंधन कल्याण से श्रीकांत शिंदे को चुनेगा।
फोटो-बैनर नहीं लगाने का निर्णय
कल्याण लोकसभा सीट बीजेपी को दिलाने के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं की यह बैठक कल्याण पूर्व में आयोजित की गई थी। ऐसी चर्चा जोरों पर है कि पदाधिकारियों ने बीजेपी को लोकसभा सीटें दिलाने के लिए निर्णय और चर्चा कर ली है। इससे पहले कल्याण पूर्व में बीजेपी पदाधिकारियों ने शिंदे की पार्टी शिवसेना नेताओं के फोटो वाले बैनर नहीं लगाने का फैसला लिया था। एक बार फिर ये विवाद छिड़ गया है।
शिवसेना का जवाब क्या?
कल्याण पूर्व के बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ के कार्यालय में बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक में शिवसेना शिंदे गुट ने प्रतिक्रिया दी। शिवसेना जिला प्रमुख गोपाल लांडगे ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं की इस बैठक के बाद अब शिवसेना आक्रामक हो गई है और गोली चलाने वाले विधायक के समर्थक कितना भी ये दिखाने की कोशिश कर लें कि वो बीजेपी के नहीं बल्कि बीजेपी के कार्यकर्ता हैं, श्रीकांत शिंदे बीजेपी के साथ मिलकर काम करते हैं। इसलिए वे भारी मतों के अंतर से निर्वाचित होंगे।
श्रीकांत शिंदे के बारे में गलत सूचना नहीं फैलानी चाहिए
गोपाल लांडगे ने आगे कहा कि विधायक गणपत गायकवाड़ ने जो किया वह निश्चित रूप से गलत है और यदि उनके समर्थक ऐसा कुछ कर रहे हैं और गठबंधन को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि गणपत गायकवाड़ को जमानत मिल जाएगी। गणपत गायकवाड़ श्रीकांत शिंदे के बारे में गलत सूचना नहीं फैलानी चाहिए ताकि शिव सेना शिंदे गुट के गठबंधन का माहौल खराब न हो। इस पर बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को जरूर ध्यान देना चाहिए और जो लोग गठबंधन का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें इस ओर ध्यान देना चाहिए।