लखनऊ,
लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी में टिकट बदलाव का दौर जारी है. अखिलेश यादव की पार्टी में कब, किसका टिकट बदल जाए, कटकर दोबारा मिल जाए और फिर कट जाए, कोई इसके बारे में पक्का नहीं कह सकता है. हाल में सपा ने रामपुर, मुरादाबाद और मेरठ में इतने बार टिकट बदले कि उसके कार्यकर्ता तक कंफ्यूज हो गए. अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि समाजवादी पार्टी अपना लखनऊ प्रत्याशी भी बदल सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ से सपा प्रत्याशी रविदास मल्होत्रा का टिकट कट सकता है. उनकी जगह सपा उम्मीदवार के तौर पर कई नाम रेस में हैं. इस दौड़ में सबसे आगे लव भार्गव का नाम चल रहा है. बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव, रविदास मल्होत्रा से खुश नहीं हैं क्योंकि वो अपने लोकसभा क्षेत्र में उस तरह प्रचार नहीं कर रहे हैं, जिस तरह की प्रत्याशियों से उम्मीद की जाती है.
गठबंधन में चुनाव लड़ रही है सपा-कांग्रेस
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. इसमें सपा 63 तो कांग्रेस 17 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार रही है. जहां कांग्रेस अबतक सभी सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतार पाई है तो वहीं सपा बार-बार अपने प्रत्याशी बदलकर कार्यकर्ताओं को कंफ्यूज कर रही है.
मेरठ में तीन प्रत्याशी बदले
मेरठ में सपा ने पहले दलित चेहरा भानु प्रताप को अपना उम्मीदवार बनाया था. उसके बाद अखिलेश ने फिर सपा विधायक अतुल प्रधान को टिकट दिया और उसके कुछ ही घंटों में योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को टिकट दे दिया.
बागपत में भी उम्मीदवारों की अदला-बदली
मेरठ से पहले बागपत में समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बदला था. पहले जाट बिरादरी के मनोज चौधरी को टिकट दिया था. उसके बाद अमरपाल शर्मा को टिकट दिया गया और फिर अखिलेश ने उन्हीं का पर्चा भरवाया. इसी तरह बदायूं में पहले धर्मेंद्र यादव के नाम टिकट रहा फिर वहां से शिवपाल यादव को टिकट दिया गया. अब उन्हीं के बेटे आदित्य यादव की चर्चा चलने लगी है.
नोएडा से महेंद्र नागर फिर बने प्रत्याशी
समाजवादी पार्टी ने गौतमबुद्ध नगर से पहले महेंद्र नागर को प्रत्याशी बनाया. उसके बाद उनकी जगह राहुल अवाना को टिकट दिया. हालांकि राहुल अवाना का टिकट काटकर महेंद्र नागर को फिर से उम्मीदवार बना दिया.