कांग्रेस के इलेक्शन मेनिफेस्टो में मोदी के ‘GYAN’ का भी रखा गया है पूरा ध्यान!

नई दिल्ली,

लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर हंगामा मचा हुआ है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसकी तुलना मुस्लिम लीग के 1936 के मेनिफेस्टो से की है तो वहीं कांग्रेस ने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के लीग संग सरकार चलाने का जिक्र करते हुए पलटवार किया है. बयानों की इस जंग के बीच पेश हैं कांग्रेस के मेनिफेस्टो के वो वायदे जो सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘GYAN’ फॉर्मूले को टारगेट करते हुए किए गए हैं. ‘GYAN’ यानि गरीब, युवा, अन्नदाता यानी किसान और नारी यानी महिलाएं.

‘G’ यानी गरीबों के लिए वायदे
कांग्रेस ने सत्ता में आने पर वृद्धा, विधवा और दिव्याग पेंशन की राशि बढ़ाकर कम से कम एक हजार रुपये प्रति माह करने का वादा किया है. साथ ही यह भी वादा किया गया है कि रेल यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट की व्यवस्था फिर से लागू की जाएगी. गौरतलब है कि कोरोना काल से वरिष्ठ नागरिकों को रेल टिकट पर रियायत की व्यवस्था बंद चल रही है. कांग्रेस की कोशिश इस वादे के जरिए वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं को अपने पाले में लाने की है.

कांग्रेस ने सत्ता में आने पर सामाजिक-आर्थिक- जाति जनगणना कराने और इसके मुताबिक स्थिति में सुधार के लिए सकारात्मक कदम उठाने का वादा किया है. कांग्रेस ने आरक्षण की सीमा पर 50 फीसदी का कैप हटाने के साथ ही ईडब्ल्यूएस आरक्षण के दायरे में हर वर्ग को लाने, भूमिहीन लोगों को प्लॉट देने और इन वर्गों के लिए आरक्षित रिक्त पद भरने का भी वादा किया है. इन वादों के सहारे पार्टी की रणनीति ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग को साधने की है. यही वो वर्ग भी है जो आर्थिक स्थिति के लिहाज से सबसे निचले तबके में आता है.

‘Y’ यानी युवाओं के लिए वायदे
कांग्रेस ने सत्ता में आने पर सेना में भर्ती के लिए अग्निवीर योजना को बंद करने का वादा किया है. पार्टी ने केंद्र सरकार के 30 लाख रिक्त पदों पर भर्ती करने, भर्तियों के लिए कैलेंडर जारी करने, सरकारी भर्तियों के लिए आवेदन शुल्क समाप्त करने के साथ ही हर डिप्लोमा होल्डर या कॉलेज स्नातक के लिए एक साल की पेड अप्रेंटिस लागू करने का वादा भी किया है. कांग्रेस ने 15 मार्च 2024 तक एजुकेशन लोन ब्याज सहित माफ करने के साथ ही स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 5 हजार करोड़ रुपये का फंड बनाने का वादा किया है.

कांग्रेस ने बेरोजगारी और अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं की नाराजगी को वोटों में कैश कराने की कोशिश में यह दांव चला है. हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह कहा था कि सरकार इस योजना में बदलाव के लिए भी तैयार है. चुनावी मौसम में उनके इस बयान को युवाओं को साधे रखने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा था कि अब कांग्रेस ने इस योजना को समाप्त करने का वादा कर दिया है. 2019 के आम चुनाव की बात करें तो सीएसडीएस के मुताबिक 41 फीसदी युवाओं ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया था.

‘A’ यानी अन्नदाता/किसानों के लिए वायदे
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का जिक्र करते हुए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा किया है. न्याय पत्र में कृषि वित्त को लेकर स्थायी आयोग बनाने का वादा करते हुए यह भी कहा गया है कि यह आयोग कृषि ऋण की सीमा और ऋण राहत को लेकर समय-समय पर रिपोर्ट देगा.बड़े गांव और छोटे शहरों में किसानों के लिए खुदरा बाजार शुरू करने का वादा भी किया गया है. किसान हाल ही में एमएसपी को लेकर कानून बनाने की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए थे. राहुल गांधी ने तब किसानों से फोन पर बात भी की थी और कांग्रेस के सत्ता में आने पर एमएसपी को लेकर कानून बनाने का वादा किया है.

‘N’ यानी नारी/महिलाओं के लिए वायदे
कांग्रेस ने महिलाओं के लिए महालक्ष्मी योजना शुरू कर प्रत्येक गरीब परिवार की महिला मुखिया को सालाना एक लाख रुपये की राशि देने का वादा किया है. पार्टी ने लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण से संबंधित कानून में जरूरी बदलाव कर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से ही आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने का वादा भी किया है. कांग्रेस के डायरेक्ट कैश बेनिफिट वाले इस वादे के पीछे मोदी सरकार की लखपति दीदी बनाने योजना की काट और बीजेपी के साइललेंट वोट बैंक में सेंध लगाने की रणनीति है.

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