नई दिल्ली,
एशिया के सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी का कारोबार बीते कुछ दिनों में वापसी करता हुआ नजर आ रहा था और उनकी कंपनियों के शेयर तूफानी तेजी से भाग रहे थे. लेकिन बुधवार को उनके लिए एक बुरी खबर आ गई और ये झटका अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगा. Supreme Court ने उनकी कंपनी को दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) को दी गई ऑरिजिनल आर्बिट्रल अवॉर्ड की पूरी राशि चुकाने का निर्देश दिया है. इस खबर के तुरंत बाद Reliance Infra का शेयर भर-भराकर टूटा और इसमें लोअर सर्किट लग गया.
शेयर में लगा 20% का लोअर सर्किट
शेयर बाजार में कारोबार की शुरुआत के साथ 9015 करोड़ रुपये मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली Anil Ambani की कंपनी रिलायंस इंफ्रा का शेयर 286.65 रुपये के लेवल पर खुला था. जैसे ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस कंपनी को लेकर खबर आई तो ये बुरी तरह टूटकर 227.60 रुपये पर आ गया. Reliance Infra Share में 20 फीसदी का लोअर सर्किट लगा. गौरतलब है कि रिलायंस इंफ्रा के शेयर का 52 वीक का हाई लेवल 308 रुपये और लो-लेवल 131 रुपये है.
अनिल अंबानी को झटका, DMRC को राहत
कर्ज में डूबे दिग्गज कारोबारी अनिल अंबानी की मुश्किलें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद और बढ़ गई हैं. दिल्ली मेट्रो से जुड़े 14 साल से चल रहे इस मामले एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जहां अनिल अंबानी को झटका दिया है, तो वहीं DMRC को राहत दी है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि डीएमआरसी द्वारा जमा की गई राशि वापस कर दी जाएगी. Reliance Infra और DMRC के बीच विवाद तब शुरू हुआ, जब साल 2012 में दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो ने Delhi Metro की कमियों का हवाला देते हुए एग्रीमेंट तोड़ दिया था.
अब तक मामले में आए ये मोड़
सुप्रीम कोर्ट ने डीएमआरसी की ओर से दाखिल क्यूरेटिव याचिका को मंजूरी देते हुए अनिल अंबानी को ये बड़ा झटका दिया है. पूरे मामले को समझें तो Supreme Court ने हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के फैसले पर सहमति जताते हुए उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के खिलाफ आर्बिट्रेरल अवॉर्ड पेटेंट इलैगिलिटी से ग्रस्त था. डीएमआरसी और डीएएमईपीएल ने 2008 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से सेक्टर 21 द्वारका तक 30 वर्षों के लिए एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन को डिजाइन, स्थापित, कमीशन, संचालित और बनाए रखने के लिए एग्रीमेंट किया था.
DMRC की क्यूरेटिव याचिका स्वीकार
इस मामले में मध्यस्थता पंचात ने पहले DAMEPL के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसे चुनौती देते हुए डीएमआरसी हाई कोर्ट पहुंची थी, जहां बेंच ने मध्यस्थता पंचाट के आदेश को रद्द कर दिया था. इसके बाद अनिल अंबानी की कंपनी के साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां अनिल अंबानी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए ऑरिजिनल आर्बिट्रल अवार्ड को बरकरार रखा गया. इस पर DMRC ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी, जिसे बुधवार को मंजूरी दे दी गई. ऑरिजिनल आर्बिट्रल अवॉर्ड की राशि अब तक बढ़कर 8000 करोड़ रुपये हो गई है. जो DAMEPL अब DMRC को लौटाएगी.