नई दिल्ली,
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देश की राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में लगी हुई हैं. अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस पार्टी के अकांउट फ्रीज होने के आरोप के बीच हो रहे इस चुनाव पर दुनियाभर की नजर है. अमेरिका, जर्मनी और यूएन ने भी आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर टिप्पणी की है.
इसी बीच भारत की सत्तारूढ़ पार्टी यानी भारतीय जनता पार्टी ने 25 से अधिक वैश्विक पार्टियों को लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान को देखने के लिए बुलाया है. भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, इनमें से 13 पार्टियों ने भारत आने की पुष्टि की है. अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर के कई देशों और कई दलों के नेता भाजपा के बुलावे पर आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान भारत आएंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की दोनों पार्टियों सत्तारूढ़ डेमोक्रेट और विपक्षी रिपब्लिकन में से किसी को भी नहीं बुलाया गया है. अमेरिकी पार्टियों को नहीं बुलाए जाने पर बीजेपी के एक नेता ने अखबार से बात करते हुए कहा है कि अमेरिकी पार्टियां एक तो अपने राष्ट्रपति चुनाव में व्यस्त हैं. इसके अलावा, अमेरिकी पार्टियों का स्ट्रक्चर भारत या यूरोपीय देशों की पार्टियों की तरह नहीं है. अमेरिका में एक पार्टी कार्यकर्ता को अपनी पार्टी के अध्यक्ष तक का नाम नहीं पता हो सकता है. क्योंकि वहां का सिस्टम केवल राष्ट्रपति या अमेरिकी कांग्रेस के कार्यालय को ही प्रमुख बनाता है.
ब्रिटेन-जर्मनी की पार्टियों को बुलावा
हालांकि, भाजपा ने ब्रिटेन की कंजर्वेटिव और लेबर पार्टियों को बुलाया है. साथ ही जर्मनी की क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स और सोशल डेमोक्रेट्स पार्टी को भी बुलाया है. जर्मनी को बुलावा इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद भारत में चुनाव को लेकर सबसे पहले टिप्पणी जर्मनी ने ही की थी.
पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ खराब संबंधों को देखते हुए वहां के किसी भी राजनीतिक दल को नहीं बुलाया गया है. इसके अलावा, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) को भी नहीं बुलाया गया है. वहीं, बांग्लादेश से केवल सत्तारूढ़ शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग को बुलाया गया है. बांग्लादेश के प्रमुख विपक्षी पार्टी बीएनपी को नहीं बुलाया गया है क्योंकि बीएनपी समेत अन्य विपक्षी पार्टियां भारतीय वस्तुओं के बहिष्कार के लिए सोशल मीडिया कैंपेन ‘इंडिया आउट’ चला रही है.
वहीं, पड़ोसी देश नेपाल की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी ने माओवादी पार्टी समेत नेपाल के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को बुलाया है. इसके अलावा, श्रीलंका की भी सभी प्रमुख पार्टियों को बुलाया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में हो सकते हैं शामिल
रिपोर्ट के मुताबिक, मई के दूसरे सप्ताह में होने वाले तीसरे या चौथे चरण के चुनाव के दौरान दुनिया के विभिन्न देशों से राजनीतिक दलों के नेता भारत आएंगे. विदेशों से आए पर्यवेक्षकों को सबसे पहले दिल्ली में भाजपा और भारत की चुनावी प्रकिया और राजनीतिक व्यवस्था के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके बाद 5-6 पर्यवेक्षकों के समूह को पार्टी नेताओं, भाजपा के कैंडिडेट्स से मिलने के लिए 4-5 लोकसभा क्षेत्रों में ले जाया जाएगा. इसके अलावा विदेशी पर्यवेक्षक संभवतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे शीर्ष भाजपा नेताओं की रैलियों में भाग लेंगे.
भारतीय जनता पार्टी ने यह कदम ‘बीजेपी को जानें (KNOW BJP)’ कैंपेन के तहत उठाया है. इसका मकसद पार्टी को ज्यादा से ज्यादा विस्तार देना है. इस पहल के तहत विभिन्न देशों के करीब 70 मिशन प्रमुखों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. इसके अलावा, भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने भी कई देशों का दौरा किया है. इस आउटरीच प्रोग्राम के तहत नेपाल के नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड को भी भाजपा हेडक्वार्टर में बुलाया गया था. हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी 4-5 विदेशी प्रतिनिधियों को अलग-अलग जगह चुनाव प्रचार को दिखाने के लिए ले गई थी.