नई दिल्ली,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में एक चुनावी जनसभा रैली को संबोधित करते हुए इंडिया ब्लॉक के नेताओं पर निशाना साधा. हालांकि पीएम ने इस दौरान किसी भी दल या नेता का नाम नहीं लिया. पीएम के हमले के बाद आरजेडी नेताओं ने इस पर रिएक्ट किया है. आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा का कहना है कि तेजस्वी नौकरी, स्वास्थ्य पर बात करते हैं. वो आठ अप्रैल का ट्वीट है, जिसका नवरात्र से कोई संबंध नहीं है.
प्रधानमंत्री के हमले के बाद मनोज झा ने प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपको हो क्या रहा है. आपके प्रदेश स्तर के नेता इस जाल में फंस गए, अब आप भी फंस गए. आठ तारीख का ट्वीट, जिसका नवरात्र से कोई वास्ता नहीं…आप सावन की उपमाएं गढ़ रहे हैं.
नौकरी की बात सकते हैं तेजस्वी: मनोज सिन्हा
आरजेडी नेता ने जोर देकर कहा कि तेजस्वी तो सबसे ज्यादा नौकरियों पर बात कर रहे हैं. वहां क्यों चुप हैं आप, आप तो हर साल 2 करोड़ नौकरियों देने के वादे पर 2014 में आए थे. और तेजस्वी ने बिहार में पूरी जमीन बदल दी. नौकरी मतलब तेजस्वी इस पर आपकी टिप्पणी नहीं सुनता हूं, बेहतर स्वास्थ्य पर आप चुप रहते हैं.लेकिन मछली दिख रही है.जाहिर तौर पर अपने ये दोहरी नीति नहीं चलेगी. आप से ये अपेक्षा नहीं थी प्रधानमंत्री, आप देश के पीएम हैं. आप इस जाल से बाह आइए, नौकरी पर बात कीजिए, स्वास्थ्य पर बात कीजिए, पुरानी पेंशन पर बात कीजिए. लोकतंत्र को बचाने में आपकी भी भूमिका है. नौकरी पर बात कीजिए, मछली मत पकड़ों.
गिर गया है राजनीति का स्तर: RJD नेता
मनोज झा के अलावा राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने पीएम मोदी के कटाक्ष पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री तो प्रधानमंत्री हैं, पीएम को अपने पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए. कौन क्या खा रहा है, क्या नहीं खा रहा है. अब इस पर राजनीति हो रही है तो आप देख सकते है कि कौन-सा स्तर गिर गया है. उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हिंदू भाइयों की क्या भावना है. इस पर मैं ज्यादा टिप्पणी नहीं सकता. मैं मुस्लिम हूं तो उनके धर्म का आदर करता हूं.
उधमपुर रैली में क्या बोले PM
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उधमपुर में एक रैली में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के लोगों को देश के ज्यादातर लोगों की कोई परवाह नहीं है. इन्हें लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने में मजा आता है. ये लोग सावन में एक सजायाफ्ता मुजरिम के घर जाकर मटन बना रहे हैं. इतना ही नहीं उसका वीडियो बनाकर देश के लोगों को चिढ़ाने का काम करते हैं. कानून किसी को भी कुछ भी खाने से नहीं रोकता है. सभी को स्वतंत्रता है कि वो Veg खाए या Non-Veg खाए, लेकिन इन लोगों की मंशा दूसरी होती है. ये लोग सावन के महीने में वीडियो दिखाकर, मुगल मानसिकता के द्वारा लोगों को चिढ़ाना चाहते हैं और अपना वोट बैंक पक्का करना चाहते हैं.
नवरात्र के दिनों में Non-Veg खाने की वीडियो दिखाकर, लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाकर ये किसको खुश करने का खेल कर रहे हैं. आज जब मैं ये बोल रहा हूं. उसके बाद ये लोग मुझपर गालियों की बौछार कर देंगे, लेकिन जब बात बर्दाश्त से बाहर हो जाती है तो लोकतंत्र में मेरा दायित्व बनता है कि मैं देश को सभी चीजों का सही पहलू बताऊं. ये लोग ऐसा जानबूझकर इसलिए करते हैं, ताकि इस देश की मान्यताओं पर हमला हो. ये इसलिए होता है, ताकि एक बड़ा वर्ग इनके वीडियो देखकर असहज होता रहे. समस्या इस अंदाज से है कि तुष्टिकरण से आगे बढ़कर ये इनकी मुगलिया सोच है.