नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जिन छह नामों को राज्य में वीसी के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश की गई है उसकी नियुक्ति राज्यपाल करेंगे। राज्यपाल की ओर से इस बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने सहमति जताई गई है। सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल आर . वेंकटरमणी ने बताया कि गवर्नर (यूनिवर्सिटी के चांसलर) ने फैसला लिया है कि यूनिवर्सिटी में छह वीसी का पद खाली है। राज्य सरकार ने इस मामले में जो नामों की लिस्ट की सिफारिश की है उसके मुताबिक वैकेंसी को भरा जाएगा।
पश्चिम बंगाल ने दी थी चुनौती
अटॉर्नी जनरल के बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने कहा है कि इस मामले में जरूरी प्रक्रिया एक हफ्ते में पूरी कर ली जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार अन्य वैकेंसी के बारे में नामों की सिफारिश कर सकती है। पश्चिम बंगाल सरकार और राज्यपाल के बीच वीसी की नियुक्ति के मामले में इस मामले में विवाद चल रहा था। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
कोलकाता हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था फैसला
कोलकाता हाई कोर्ट ने जून 2023 में राज्यपाल द्वारा 13 यूनिवर्सिटी में अंतरिम वीसी की नियुक्ति के फैसले को बरकरार रखा था। इस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल की ओर से इस बात को लेकर सहमति जताई गई है कि वह राज्य सरकार की ओर से की गई सिफारिश के मुताबिक नियुक्ति करेंगे।