सलमान खान केस: बिश्नोई ब्रदर्स बनाए गए वांटेड आरोपी, पुलिस ने जोड़ीं ये तीन नई धाराएं

बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके भाई अनमोल बिश्नोई को वांटेड आरोपी घोषित कर दिया है. इसके साथ पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर में तीन नई धाराएं जोड़ी हैं, जिनमें आईपीसी की धारा 506(2) (धमकी देना), 115 (उकसाना) और 201 (सबूत नष्ट करना) शामिल है.

इससे पहले मुंबई पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपियों सागर कुमार पाल और विक्की गुप्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट में तैनात सिक्योरिटी गार्ड के बयान के आधार पर इन दोनों धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था. लेकिन दोनों शूटरों के गुजरात से पकड़ने जाने और उनसे पूछताछ के बाद नई धाराएं जोड़ी गई हैं.

14 अप्रैल की सुबह सागर कुमार पाल और विक्की गुप्ता अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर ताबड़तोड़ फायरिंग कर फरार हो गए थे. इसके बाद मुंबई पुलिस ने उनके घर के पास के पूरे रूट के सीसीटीवी कैमरों की स्कैनिंग शुरू कर दी. इसके साथ ही डंप डेटा के आधार पर उस इलाके में एक्टिव मोबाइल नंबरों की भी जांच करने लगी. सीसीटीवी की स्कैनिंग के दौरान पुलिस को इन दोनों शूटरों की साफ तस्वीर मिल गई.

इसमें दोनों शूटरों का चेहरा साफ-साफ दिख रहा था. ये तस्वीर बाइक छोड़ कर दोनों के पैदल एक जगह से दूसरी जगह जाने के दौरान किसी ठिकाने पर क़ैद हुई थी. चूंकि ये तस्वीर साफ थी, तो पुलिस भी दोनों के हुलिए यानी चेहरे-मोहरे को बहुत गौर से पढ़ने का मौका भी मिल गया. इस कोशिश के दौरान पुलिस ने सागर कुमार पाल की दाढ़ी के खास स्टाइल पर गौर किया. इसके साथ ही उसकी लंबी नाक पर भी नजर गई.

उधर टेक्नीकल सर्विलांस की मदद से दोनों के मुंबई से गुजरात की तरफ भागने की खबर पुलिस को मिल चुकी थी. दोनों सूरत से अहमदाबाद होते हुए कच्छ यानी भुज की तरफ जा रहे थे. दोनों के पीछे-पीछे मुंबई पुलिस की दो टीमें भी उसी दिशा में बढ़ रही थी. लेकिन भुज के नखत्राणा इलाके के नजदीक पहुंच कर अचानक दोनों ने अपना मोबाइल फोन स्विच्ड ऑफ कर लिया. इत्तेफाक से जिस जगह पर उनका फोन स्विच्ड ऑफ हुआ, वहां एक तिराहा है.

ऐसे में भुज पुलिस की मदद से मुंबई क्राइम ब्रांच की टीमों ने उन तीनों दिशाओं को खंगालने का फैसला किया. अब दिक्कत ये थी कि चूंकि दोनों का फोन स्विच्ड ऑफ हो चुका था, टेक्नीकल तरीके से उन्हें लोकेट करना और मुमकिन नहीं था. ऐसे में पुलिस को दोनों के हुलिए और खास कर दाढ़ी और नाक का ख्याल आया. अब पुलिस ने मैनुअल तरीके से लोगों को शूटरों के बारे में बता-बता कर उनसे उनके बारे में पूछना शुरू किया.

मुंबई से नखत्राणा तक करीब 900 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद पूछताछ के दौरान एक लोकल दुकानदार ने पुलिस ये बताया कि उन्होंने अब से कुछ देर पहले ही दो नौजवानों को उधर से जाते हुए देखा है, जिनमें एक सोल-पैच स्टाइल वाली दाढ़ी भी है. मुंबई पुलिस ने उस इलाके में पड़ने वाले सस्ते होटल, लॉज, धर्माशाला और ऐसे मंदिरों की पड़ताल शुरू की, जहां किसी के रुकने पर किसी तरह की रोक-टोक नहीं की जाती है.

आखिरकार पुलिस की ये कोशिश रंग लाई. नखत्राणा के माता नू मठ मंदिर से आखिरकार पुलिस ने दोनों को तब धर दबोचा, जब दोनों भागते-भागते थक कर मंदिर परिसर में ही आराम कर रहे थे. शूटआउट के बाद दोनों ने हर तरह का एहतियात बरता था. वारदात के पहले इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल नंबरों को बंद कर दिया था. अपने कपड़े बदल लिए थे. यहां तक कि मोड ऑफ ट्रैवल यानी सफर करने का जरिया भी बार-बार चेंज कर रहे थे.

 

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