‘हमने अपनी पारी खेली है और अब नई पीढ़ी के लिए…’, बीजेपी ज्वाइन करने पर हरिवल्लभ शुक्ला ने क्या कहा?

भोपाल

‘हमने अपनी पारी खेली है और अब नई पीढ़ी के लिए काम करने के लिए पार्टी में आए हैं।’ बीजेपी में शामिल होने के बाद हरिवल्लभ शुक्ला ने यह बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी से कोई पद नहीं मांगा है। दरअसल, भोपाल में राज्य भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में कांग्रेस के पूर्व विधायक हरि वल्लभ शुक्ला ने अपने समर्थकों और अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ भगवा पार्टी की सदस्यता ले ली। इस अवसर पर नई ज्वाइनिंग कमेटी के संयोजक और राज्य के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, राज्य के मंत्री गोविंद राजपूत, भाजपा नेता सुरेश पचौरी और अन्य भी उपस्थित थे।

आने वाली पीढ़ियों के लिए करेंगे काम
लोकसभा चुनावों के बीच दल बदलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अगर कोई ग्वालियर और शिवपुरी क्षेत्र का विकास कर सकता है, तो केंद्रीय मंत्री सिंधिया कर सकते हैं, इसलिए हमें विकास करने वाले व्यक्ति से जुड़ना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी में कोई पद नहीं मांगा है और वह केवल आने वाली पीढ़ियों के लिए काम करेंगे। हमने अपनी पारी खेली है और अब नई पीढ़ी के लिए काम करने के लिए पार्टी में आए हैं।

कांग्रेस आम लोगों से कट गई है- शुक्ला
शुक्ला ने कहा कि जिन मुद्दों पर कांग्रेस आम लोगों की पार्टी बनी और 70 साल तक शासन किया, वे आज जनता से कट गए हैं। अब यह केवल बंद दरवाजों में चर्चा करने वाले नेताओं की पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी ने भाजपा को आम लोगों की पार्टी बना दिया। चाहे वह महिलाएं हों, किसान हों, युवा हों या व्यवसायी। मैंने वह समय भी देखा है जब भाजपा के कार्यकर्ता गांवों में नहीं मिल पाते थे, आज स्थिति उलट गई है। कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं मिल रहे हैं क्योंकि पार्टी आम लोगों से कट गई है।

पार्टी में नहीं मांगा कोई पद
लोकसभा चुनावों के बीच दल बदलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अगर कोई ग्वालियर और शिवपुरी क्षेत्र का विकास कर सकता है, तो केंद्रीय मंत्री सिंधिया कर सकते हैं, इसलिए हमें विकास करने वाले व्यक्ति से जुड़ना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी में कोई पद नहीं मांगा है और वह केवल आने वाली पीढ़ियों के लिए काम करेंगे।

राज्य में लोकसभा के लिए चार चरणों में मतदान होगा, जिसमें अगले तीन चरणों में 26 अप्रैल, 7 मई और 13 मई को मतदान होगा। वोटों की गिनती 4 जून को होनी है। मध्य प्रदेश में कुल 29 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं, जो इसे निचले सदन को भेजे जाने वाले सदस्यों के मामले में छठा सबसे बड़ा राज्य बनाता है। इनमें से 10 सीटें एससी और एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं, जबकि शेष 19 सीटें अनारक्षित हैं।

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