गुरुग्राम लोकसभा सीट: राव इंद्रजीत के सामने फाजिलपुरिया और अब राज बब्बर की एंट्री! खुद दिए संकेत

चंडीगढ़:

हरियाणा की गुरुग्राम लोकसभा सीट पर इस बार हाईवोल्टेज मुकबला देखने को मिल सकता है। दिल्ली से सटे मिलेनियम सिटी से बीजेपी ने एक फिर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को मैदान में उतारा है। इस सीट जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने राहुल यादव उर्फ फाजिलपुरिया को कैंडिडेट घोषित किया है। कांग्रेस की तरफ से फिल्म अभिनेता राज बब्बर की उम्मीदवारी लगभग तय हो गई है। सिर्फ औपचारिक ऐलान होना बाकी है। राज बब्बर के गुरुग्राम से लड़ने की चर्चाओं के बीच खुद राज बब्बर की भी गुरुग्राम को लेकर सक्रिय सामने आई है। राज बब्बर ने गुरुग्राम के मदनपुरी में अचानक दीवार गिरने की घटना को सोशल मीडिया पर उठाया है। इस घटना में पांच लोगों की दबने से मौत हो गई।

घटना पर जताया शोक
राज बब्बर ने मदनपुरी की घटना के वीडियो को फेसबुक पर पोस्ट करने के साथ इस पर दुख व्यक्त किया है। बब्बर ने लिखा है कि अचानक दीवार गिरी और क्षण भर पहले जो कल्पना से भी परे था वो हो गया। गुरुग्राम के मदनपुरी के इस हादसे में पांच लोगों की दबकर कर मौत हो गयी। ईश्वर मारे गए लोगों के परिवार जनों को हौसला दें। दीवार श्मशान भूमि की थी। तस्वीर बताती है कि सालों पुरानी और जर्ज़र। ऐसी दुःखद और दर्दनाक घटना कि ज़िम्मेदारी तय होनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं कि पुनर्वत्ति न हो।

क्या गढ़ में फंसेंगे इंद्रजीत?
गुरुग्राम से राजबब्बर के लड़ने की तैयारियों के सवाल खड़ा हो रहा है कि दक्षिण हरियाणा और खासकर अहीरवाल की राजनीति पर अब तक पकड़ रखने वाले राव इंद्रजीत क्या चुनावी दंगल में फंस जाएंगे। कांग्रेस पार्टी इस राव इंद्रजीत सिंह को उनके गढ़ में घेरना चाहती है। इसीलिए पार्टी ने पंजाबी कार्ड खेलने की योजना बनाई है। अभी तक राज्य की कमान मनोहर लाल के पास थी जो खुद पंजाबी थे। पार्टी ने उनके हटने के बाद गुरुग्राम में पंजाबी मतदाताओं की भारी संख्या को देखते हुए बब्बर को लड़ाने की रणनीति बनाई है।

क्या है गुरुग्राम का गणित?
गुरुग्राम लोकसभा में गुरुग्राम के साथ पड़ोसी मेवात (नूंह) और रेवाड़ी का क्षेत्र लगता है। कुल नौ विधानसभा क्षेत्रों में सिर्फ चार सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। एक सीट निर्दलीय और बाकी की चार सीटों कांग्रेस के पास हैं। राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम से जीत की हैट्रिक लगाते हुए पांच बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। पिछली बार उन्होंने कांग्रेस के नेता कैप्टन अजय यादव को प्रचंड मोदी लहर और अपनी लोकप्रियता के बूते पर 3.86 लाख वोटों के अंतर से हराया था। कांग्रेस को 4,95,290 और राव इंद्रजीत सिंह को 881,546 वोट मिले थे। कांग्रेस पार्टी इस बार मजबूत चुनौती देना चाहती है। राहुल यादव फाजिलपुरिया की उम्मीदवारी से राव वोटों में बिखराव हो सकता है। कांग्रेस इसे फायदे के तौर पर देख रही है।

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