खगड़िया
बिहार में खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर रविवार को आरजेडी में शामिल हो गए। पटना स्थित राजद के प्रदेश कार्यालय में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की मौजूदगी में कैसर ने आरजेडी की सदस्यता ली। इससे पहले महबूब अली कैसर ने लोजपा-रामविलास की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। इससे पहले एनडीए में सीट बंटवारे के दौरान महबूब कैसर ने चिराग पासवान से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने अपनी निष्ठा जताई थी। हालांकि, जब चिराग पासवान ने खगड़िया में नया उम्मीदवार पेश किया, तो महबूब कैसर ने अपनी राजनीतिक राह फिर से तय कर ली। महबूब कैसर को टिकट नहीं मिला और बाद में वे लोजपा-रामविलास से अलग हो गए।
2019 में खगड़िया से जीत के बाद पशुपति गुट में हो गए थे शामिल
महबूब अली कैसर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में लोजपा के टिकट पर खगड़िया से सांसद का पद हासिल किया था। लोजपा में आंतरिक मतभेद के बाद उन्होंने पशुपति कुमार पारस के खेमे आरएलजेपी की ओर अपना झुकाव बढ़ा लिया था। इस बीच एनडीए के सीट बंटवारे में चिराग पासवान की अगुआई वाली लोजपा रामविलास को खगड़िया समेत पांच सीटें मिली थीं। इसके बाद कैसर ने चिराग पासवान के साथ गठबंधन करने की कोशिश की, लेकिन लोजपा रामविलास ने खगड़िया के लिए पार्टी का सिंबल उनके बजाय राजेश वर्मा को आवंटित कर दिया। नतीजतन, कैसर को टिकट नहीं मिला और उन्होंने आरजेडी में शामिल होने का फैसला किया। महबूब कैसर के बेटे यूसुफ सलाहुद्दीन सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट से आरजेडी विधायक हैं।
खगड़िया में महागठबंधन के लिए प्रचार की संभालेंगे जिम्मेदारी
नई राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करते हुए महबूब अली कैसर ने एक अहम फैसला लिया है। आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में खगड़िया सीट पर चिराग पासवान के कब्जे के बाद महबूब कैसर ने पशुपति पारस से नाता तोड़कर चिराग पासवान के साथ गठबंधन कर लिया है। कैसर ने एक बार फिर खगड़िया से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। हालांकि, चिराग पासवान ने इस सीट के लिए राजेश वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। हाल ही में महबूब कैसर के निर्दलीय उम्मीदवार बनने की अटकलें लगाई जा रही थीं। आखिरकार, उन्होंने आरजेडी में शामिल होने का फैसला किया और संभवतः महागठबंधन के लिए प्रचार की जिम्मेदारी संभालेंगे।