अहमदाबाद,
गुजरात में लोकसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी का खाता खुलने की संभावना है. सूरत सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन खारिज कर दिया गया है. वहीं सात निर्दलीय प्रत्याशी भी अपना पर्चा वापस ले सकते हैं. इसके बाद सबकी निगाहें बीएसपी प्रत्याशी पर टिकी होंगी. अगर उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया तो बीजेपी इस सीट पर निर्विरोध जीतेगी.
सूरत सीट पर कांग्रेस कैंडिडेट निलेश कुंभानी का नामांकन खारिज हो गया था, जिसके बाद ऐसी चर्चाएं हैं कि बीजेपी यहां निर्विरोध जीतेगी. दरअसल इस सीट पर कुल 10 प्रत्याशियों ने अपना पर्चा भरा था. कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो चुका है और अब बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल के खिलाफ कुल आठ प्रत्याशी हैं. कहा जा रहा है कि ये सभी कैंडिडेट अपना नामांकन वापस लेंगे.
गुजरात की सभी सीटों पर 7 मई को वोटिंग
बता दें कि गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर मतदान तीसरे चरण में यानी 7 मई को होना है, जिसके लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 19 अप्रैल थी और नामांकन वापस लेने का तारीख 22 अप्रैल है. बीजेपी की शिकायत के बाद कांग्रेस प्रत्याशी निलेश कुंभानी का पर्चा प्रस्तावकों की वजह से खारिज हो चुका है.
सूरत सीट पर ये हैं प्रत्याशी
इस स्थिति में अब सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी के मुकेश दलाल के अलावा बसपा से प्यारेलाल भारती, सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी से अब्दुल हामिद खान, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी से जयेश मेवाडा, लोग पार्टी से सोहेल खान हैं. इनके अलावा अजीतसिंह उमट, किशोर डायानी, बारैया रमेशभाई और भरत प्रजापति निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं. अब सबकी निगाहें बीएसपी प्रत्याशी पर टिकी हुई हैं कि क्या प्यारेलाल भारती अपना नामांकन वापस लेंगे?
सूरत से 5 बार सांसद रहे पूर्व PM मोरारजी देसाई
बता दें कि गुजरात की 26 सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन किया है, जिसके तहत सूरत से कांग्रेस ने अपना कैंडिडेट उतारा था, लेकिन निलेश का फॉर्म रद्द हो चुका है. सूरत लोकसभा सीट की बात करें तो देश के पूर्व पीएम मोरारजी देसाई 5 बार सूरत लोकसभा से सांसद रहे थे, लेकिन साल 1989 से सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी का लगातार कब्जा रहा है. अब देखना होगा कि इस बार सूरत सीट पर किस दल का खाता खुलता है.