नई दिल्ली,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के सरगुजा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इरादे नेक नहीं है. अब उनके खतरनाक इरादे खुलकर सबके सामने आ गए हैं. इसलिए अब वे इंहेरिटेंस टैक्स की बात कर रहे हैं.
मोदी ने कहा कि कांग्रेस के इरादे नेक नहीं है, संविधान और सामाजिक न्याय के अनुरूप नहीं है. कांग्रेस की नजर आपकी कमाई, आपके मकान, दुकान, खेत और खलिहान पर भी है. कांग्रेस के शहजादे का कहना है कि ये देश के हर घर, हर अलमारी और हर परिवार की संपत्ति का एक्सरे करेंगे. हमारी माताओं और बहनों के पास जो थोड़ा बहुत स्त्रीधन है, गहने और जेवर हैं, कांग्रेस उनकी भी जांच कराएगी.
पीएम ने कहा कि यहां सरगुजा में हमारी आदिवासी मां और बहनें हंसुली पहनती हैं, मंगलसूत्र पहनती हैं. कांग्रेस ये सब आपसे छीनकर समान बांटेंगे. अब आपको मालूम है ना किसको देंगे. आपसे लूटकर किसके देंगे. मुझे कहने की जरूरत है क्या? क्या आप ये पाप करने देंगे? कांग्रेस कहती है कि सत्ता में आने के बाद वो एक के बाद एक क्रांतिकारी कदम उठाएगी. अरे ये सपने मत देखो. देश की जनता आपको ऐसा मौका नहीं देगी.
मोदी ने कहा कि कांग्रेस के खतरनाक इरादे एक के बाद एक खुलकर सामने आ रहे हैं. शाही परिवार के शहजादे के सलाहकार उन्होंने कुछ समय पहले कहा था कि हमारा देश का मिडिल क्लास है, उन पर ज्यादा टैक्स लगना चाहिए. इन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा है. अब ये लोग उससे भी एक कदम आगे गए हैं. उन्होंने कहा है कि आपकी संपत्ति पर इंहेरिटेंस टैक्स (विरासत टैक्स) लगाएगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये नहीं चाहते कि आपने अपनी मेहनत से जो संपत्ति जुटाई है, वो आपके बच्चों को मिले. वो नहीं चाहते कि भारतीय अपनी संपत्ति अपने बच्चों को दें. इस पार्टी पर अर्बन नक्सल का कब्जा है. ये आपके दुकान और मकान सब छीन लेंगे. कांग्रेस आपके माता-पिता की विरासत छीन लेगी.
कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस का एक ही मंत्र है. कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी. जब तक आप जीवित रहेंगे, कांग्रेस आपको ज्यादा टैक्स से मार देगी और जब आप जीवित नहीं रहेंगे तो आप पर विरासत टैक्स का बोझ लाद देगी. जिन लोगों ने पूरी कांग्रेस पार्टी को अपनी पैतृक संपत्ति मानकर अपने बच्चों को दे दी, अब वो नहीं चाहते कि भारतीय अपनी संपत्ति अपने बच्चों को दें.
मोदी ने कहा कि आपको पता है ना कांग्रेस ये सब छीनकर किसे देगी? आपको पता है ना आपसे लूटकर इसे किसे दिया जाएगा? मुझे कहने की जरूरत नहीं है. लेकिन क्या आप ये पाप करने देंगे? लेकिन कांग्रेस को पता नहीं है कि उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे. जनता उन्हें ये मौका नहीं देगी.
अमित शाह ने भी कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान पर गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा कि आज पित्रोदा के बयान ने देश के सामने कांग्रेस का मकसद स्पष्ट कर दिया है. सबसे पहले उनके घोषणापत्र में ‘सर्वेक्षण’ का जिक्र, मनमोहन सिंह की बात पुराना बयान जो कांग्रेस की विरासत है – कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है, और अब सैम पित्रोदा की अमेरिका का हवाला देते हुए टिप्पणी कि धन के वितरण पर विचार-विमर्श होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो बनाने में सैम पित्रोदा की अहम भूमिका है. जब मोदीजी ने ये मुद्दा उठाया तो पूरी कांग्रेस, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी बैकफुट पर आ गए.मैं मानता हूं कांग्रेस पार्टी अपने घोषणापत्र से इस बात को वापस लेगी.सैम पित्रोदा के बयान को देश की जनता गंभीरता से ले.
क्या था बयान?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बीते दिनों एक बयान में कहा था कि अगर चुनाव बाद उनकी सरकार सत्ता में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है. उनके इस बयान के बारे में जब सैम पित्रोदा से पूछा गया तो उन्होंने अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया.पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है. अगर किसी शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है. उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55 फीसदी संपत्ति पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है.
उन्होंने कहा कि ये बहुत ही रोचक कानून है. इसके तहत प्रावधान है कि आपने अपने जीवन में खूब संपत्ति बनाई है और आपके जाने के बाद आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए. पूरी संपत्ति नहीं बल्कि आधी, जो मुझे सही लगता है. लेकिन भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है. यहां अगर किसी के पास 10 अरब रुपये की संपत्ति है. उसके मरने के बाद उनके बच्चों को सारी की सारी संपत्ति मिल जाती है, जनता के लिए कुछ नहीं बचता. मुझे लगता है कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को चर्चा करनी चाहिए. मुझे नहीं पता कि इस चर्चा का निचोड़ क्या निकलेगा. हम नई नीतियों और नए प्रोग्राम की बात कर रहे हैं, जो लोगों के हित में हो ना कि सिर्फ अमीरों के हित में हो.