सूरत का जिक्र कर प्रशांत किशोर का PM मोदी पर निशाना, बताया- बिहार में क्यों नहीं लगाई जाती फैक्ट्री

मुजफ्फरपुर:

देश में लोकसभा चुनाव चल रहा है। पहले चरण का मतदान हो चुका है। दूसरे चरण का मतदान होगा। इसके लिए आज चुनाव प्रचार थम गया।26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होना है। इसके पहले जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। प्रशांत किशोर ने मुजफ्फरपुर में जनता से बात करते हुए कहा कि ‘बिहार के लोगों ने 40 में से 39 सांसद पीएम नरेंद्र मोदी के लिए लिए जिताकर संसद भेजे। 26 सांसद वाला राज्य है गुजरात, गुजरात में फैक्ट्री लगेगी, गुजरात में सीप्लेन चलेगा, बुलेट ट्रेन चलेगी। और बिहार का आदमी बैलगाड़ी पर चलेगा। गलती हम लोगों की है या मोदी की।’ प्रशांत किशोर ने कहा कि गुजरात में एक शहर है सूरत। अकेले सूरत में ही बिहार के पांच लाख से ज्यादा लड़के मजदूरी कर रहे। आप बताइए, सोचिए सूरत में कितनी फैक्ट्री होंगी। अगर मोदी जी सूरत में इतनी फैक्ट्री लगवा सकते हैं तो दो-चार वैशाली-चंपारण में भी लगवा देते। प्रशांत किशोर ने कहा कि देश में आज कौन सा उद्योगपति है, जिसे आज प्रधानमंत्री बुलाकर कह दें कि तुमको वैशाली में फैक्ट्री लगाना है तो कौन पीएम मोदी को मना कर देगा।

बिहार में फैक्ट्री लग जाएंगी तो 15 हजार वाले मजदूर कहां से मिलेंगे: पीके
पीके ने कहा कि मोदी जी काहे नहीं यहां फैक्ट्री लगवा रहे? आपको यह समझ नहीं आ रहा होगा। अगर मोदी जी यहां फैक्ट्री लगवा देंगे तो 15 हजार रुपये महीने पर 2 करोड़ जवान मजदूर मिलेंगे कहां से? प्रशांत किशोर ने कहा कि पूरे देश में हम लोग कार, मोटरसाइकिल, सीमेंट नहीं बना रहे हैं। हम लोग केवल मजदूर बना रहे हैं। आप लोगों ने अपने बच्चों को पेट काट-काट कर बड़ा किया। जैसे ही वो 20-25 साल के हुए, वैसे ही यहां के जवान लड़कों को भेड़-बकरी की तरह ट्रेनों और बसों में लादकर मजदूरी के लिए दूसरे राज्यों में भेज दिया जाता है।

दूसरे राज्यों में भी मजदूर हैं, वो 35 हजार रुपये महीना लेते हैं: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कोरोना काल का जिक्र करते हुए लॉकडाउन से उपजी भयावह स्थिति का उदाहरण दिया। प्रशांत किशोर ने कहा कि आप लोगों ने कोरोना के समय पर देखा होगा कि जिन बिहार के मजदूरों को दूसरे राज्यों के लोगों ने मारकर भाग दिया था, लॉकडाउन हटने पर उन्हीं मजदूरों को ट्रेन से, बसों से और हवाई जहाज का टिकट देकर वापस बुलाया गया।

पीके ने कहा कि आप लोगों ने कभी सोचा कि बिहार के मजदूरों को ही आखिर क्यों बुलाया गया? क्या तमिलनाडु, केरल और सूरत में मजदूर नहीं हैं? वहां पर भी मजदूर है, लेकिन वहां के मजदूर 35 हजार रुपये महीना लेता है। बिहार का गरीब लड़का अपना घर छोड़कर दूसरे राज्य जाता है और वहां 12-15 हजार रुपये में काम कर रहा है। जब बिहार से सस्ते मजदूर मिल जाते हैं तो मोदी बिहार में फैक्टरी क्यों लगाएंगे?

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