लखनऊ,
दूसरे चरण के मतदान में कुछ ही घंटे बचे हैं. चुनाव आयोग ने सभी तैयारियां कर ली हैं. सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता हो गई है. इस बीच देश की सियासत में इस सबसे ज्यादा चर्चा मंगलसूत्र की हो रही है. इसको लेकर एक के बाद एक बयान सामने आ रहे हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि 2024 के चुनाव की लड़ाई अब मंगलसूत्र पर आ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से शुरू हुई मंगलसूत्र की बात अब विपक्ष की जुबां पर खूब छाई हुई है. विपक्षी नेता लगातार मंगलसूत्र को लेकर बीजेपी और इसके नेताओं पर निशाना साध रहे हैं.
इस कड़ी में अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का भी बयान आया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा कि ये मंगलसूत्र की बात करते हैं, इनको क्या लेना देना है मंगलसूत्र से. योगी जी को मोदी जी को क्या लेना देना है मंगलसूत्र से?
एक दिन पहले भी अखिलेश यादव ने मंगलसूत्र को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि जिनकी शादी हो रखी है, वो लोग मंगलसूत्र का महत्व समझते है, लेकिन बीजेपी के लोग बस युवाओं को नौकरी दे दें, ताकि उनकी भी शादी हो जाए. जिन लोगों की शादी नहीं हो रही, उनके सामने क्या मंगलसूत्र बोल रहे हैं आप?
कांग्रेस नेताओं के अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर, समाजवादी पार्टी प्रमुख और कन्नौज से उम्मीदवार अखिलेश यादव ने कहा, “मैं किसी भी राजनीतिक दल के बारे में कुछ नहीं कह सकता, लेकिन अभी कई दलों पर दबाव होगा. अगर चुनाव होंगे तो हम सभी को चुनाव लड़ना चाहिए. चूंकि हम एक गठबंधन में हैं. अगर मुझे उन्हें (राहुल गांधी) सलाह देनी है तो मैं उनके साथ बैठ सकता हूं और इस पर चर्चा कर सकता हूं.”
कहां से शुरू हुआ मंगलसूत्र का किस्सा?
दरअसल, बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वो लोगों की संपत्तियां लेकर ज्यादा बच्चों वालों और घुसपैठियों को बांट देगी. मोदी ने कहा था, ‘पहले जब इनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है. इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करते किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है ये?’
उन्होंने आगे कहा था, ‘ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे. उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे. और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. भाइयो-बहनो ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे. ये यहां तक जाएंगे.’
प्रियंका गांधी ने किया था पलटवार
कांग्रेस महासचिव ने बेंगलुरु में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी के मंगलसूत्र वाले बयान पर पलटवार किया था. उन्होंने कहा था, “पिछले 2 दिनों में अब ये शुरू हुआ है कि कांग्रेस के लोग आपका मंगलसूत्र और सोना छीनना चाहते हैं. 70 सालों से ये देश स्वतंत्र है, 55 सालों के लिए कांग्रेस की सरकार रही तब क्या किसी ने आपका सोना छीना और आपके मंगलसूत्र छीने? जब देश में जंग हुई थी तब इंदिरा गांधी ने अपना सोना देश को दिया था और मेरी मां का मंगलसूत्र (राजीव गांधी) इस देश को कुर्बान हुआ है.”
उन्होंने कहा, “अगर मोदी जी ‘मंगलसूत्र’ का महत्व समझते तो ऐसी बातें नहीं कहते. जब नोटबंदी हुई तो उन्होंने महिलाओं की बचत छीन ली. किसानों के विरोध के दौरान 600 किसानों की जान चली गई, क्या मोदी जी ने उन विधवाओं के ‘मंगलसूत्र’ के बारे में सोचा? जब मणिपुर में एक महिला को नग्न कर घुमाया गया, तब मोदी जी चुप थे, क्या उन्होंने उनके ‘मंगलसूत्र’ के बारे में सोचा? आज वह वोट के लिए महिलाओं से ऐसी बातें कह रहे हैं, उन्हें डरा रहे हैं ताकि वे डरकर वोट करें.”