कल जिनपिंग से पुतिन की मीटिंग, जानें- दो नाव पर सवार चीन के लिए रूस कैसे बना मजबूरी

नई दिल्ली,

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक बार फिर मिलने वाले हैं. जिनपिंग के न्योते पर पुतिन दो दिन के दौरे पर चीन जाने वाले हैं. पुतिन 16 और 17 मई को चीन की स्टेट विजिट पर रहेंगे.इस दौरे पर दुनिया की नजर इसलिए भी है, क्योंकि सात महीने में पुतिन दूसरी बार चीन पहुंच रहे हैं. इससे पहले पुतिन पिछले साल 17 और 18 अक्टूबर को चीन पहुंचे थे. इतना ही नहीं, पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद पुतिन का ये पहला विदेश दौरा है.

चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया कि पुतिन और जिनपिंग अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे.वहीं, रूस के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी से कहा कि चीन उनका रणनीतिक साझेदार है और पश्चिमी देशों के कुछ भी कहने या करने से कोई फर्क नहीं पड़ता.

चीन क्यों जा रहे हैं पुतिन?
रूस और चीन के राजनयिक संबंधों की 75वीं सालगिरह पर पुतिन का दौरा हो रहा है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बताया कि पुतिन और जिनपिंग द्विपक्षीय संबंधों, आपसी सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

फरवरी 2022 में यूक्रेन के खिलाफ जंग छिड़ने से कुछ हफ्तों पहले ही पुतिन जब चीन गए थे, तब उन्होंने जिनपिंग के साथ मिलकर कहा था कि दोनों देशों के बीच एक ऐसी साझेदारी होगी, जिसकी कोई ‘सीमा’ नहीं होगी.रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने बताया कि दोनों नेता व्यापक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

क्रेमलिन ने बताया कि बातचीत के बाद दोनों नेता संयुक्त बयान जारी करेंगे और कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. इस यात्रा के दौरान पुतिन चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के साथ भी मुलाकात करेंगे. पुतिन बीजिंग के अलावा हार्बिन शहर का दौरा भी करेंगे.

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