Russia ने यूक्रेन पर किया ऐसी मिसाइल से हमला, जो राडार में पकड़ ही नहीं आती…

मॉस्को,

रूस ने अपने सबसे शानदार बमवर्षक Tu-22M3 के जरिए यूक्रेन पर Kh-32 सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से हमला किया. यह मिसाइल रूस ने Kh-22 को अपग्रेड करके बनाया है. यह लंबी दूरी की एंटी-शिप मिसाइल है. इसका असली डिजाइन कोल्ड वॉर यानी शीत युद्ध के समय बनाया गया था.

यह मिसाइल पारंपरिक या परमाणु हमला करने में सक्षम है. यानी यह इस तरह के हथियार ले जा सकती है. साल 2016 से रूस इस मिसाइल का इस्तेमाल कर रहा है. अगर इसमें परमाणु हथियार लगाया जाता है तो इसकी रेंज 600 से 700 किलोमीटर रह जाती है. लेकिन आमतौर पर यह 1000 किलोमीटर से दूर जाती है.

इसकी गति ही इसे सबसे ज्यादा खतरनाक बनाती है. यह 6200 km/hr की स्पीड से दुश्मन की तरफ बढ़ती है. रूस इसका इस्तेमाल इसलिए कर रहा है क्योंकि इस मिसाइल में कई तरह के पेलोड्स लगाए जा सकते हैं. यानी वॉरहेड. यानी इससे जहाज पर हमला कर सकते हैं. एंटी-रेडिएशन पेलोड लगा सकते हैं. ताकि दुश्मन के राडार को खत्म कर सके.

इस मिसाइल से किसी को भी बना सकते हैं टारगेट
रूस इस बात को जानता है कि यूक्रेन पर हमला करने के साथ-साथ उससे सटी समुद्री सीमाओं पर भी नजर रखें. यूक्रेन की मदद करने आ रहे दूसरे देशों के जहाजों पर मिसाइल दागी जा सके. जिसमें एयरक्राफ्ट कैरियर्स भी हैं. नौसैनिक टारगेट्स हैं. हवाई डिपो, हथियार डिपो को खत्म किया जा सके. राडार नेटवर्क उड़ा सकें.

दो साल से रूस ये मिसाइल दाग रहा यूक्रेन पर
इस मिसाइल का इस्तेमाल रूस ने सबसे पहले साल 2022 में यूक्रेन में घुसपैठ के दौरान किया था. दुनिया में चिंता इस बात की है कि जो मिसाइल नौसैनिक टारगेट्स के लिए बनाई गई थी. उसका इस्तेमाल रूस जमीनी टारगेट्स को उड़ाने के लिए कर रहा है. इससे कोलेटरल डैमेज होने का खतरा ज्यादा रहता है.

कोलेटरल डैमेज का खतरा इसके इस्तेमाल से
इस मिसाइल की वजह से 27 जून 2022 में क्रेमेनचुक में एक शॉपिंग सेंटर ध्वस्त हो गया था. इसमें कई आम नागरिक मारे गए थे. इसके बाद 30 जून को भी शरविका में भी इसी मिसाइल से हमला किया गया. जिसमें काफी ज्यादा नुकसान हुआ था. यह मिसाइल दूरी के हिसाब से अपनी गति घटा या बढ़ा सकती है.

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