— भेल के कल्चरल हाल में विप्स के वार्षिक समारोह में हुए रंगारंग कार्यक्रम
भोपाल
विश्व की आधी जनसंख्या जब तक सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर नहीं हो जाती, एक समृद्ध और समग्र भविष्य की कल्पना आधारहीन है। जब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती हैं, तभी देश की अर्थ व्यवस्था विकसित होती है। यह बात भेल के कार्यपालक निदेशक एसएम रामनाथन ने भेल के सांस्कृतिक सभागार में सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं के मंच विप्स के वार्षिक समारोह में कही। “महिलाएं: सतत विकास का भविष्य” थीम पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जब शासन में महिलाओं को सम्मानजनक भागीदारी दी जाती है, तभी शासन वास्तविक अर्थों में जन कल्याणकारी होता है और सरकार अपने सभी उददेश्यों को प्राप्त कर पाती है।उन्होंने कहा कि भारतीय इतिहास के प्रत्येक युग में महिलाओं ने देश के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास में पुरूषों के बराबर का सहयोग देने के साथ भविष्य को गढ़ने में महत्वपूर्ण साझेदारी की है।
इस अवसर पर बीके सिंह ने कहा कि महिलाएं देश और समाज की रीढ़ हैं। आज परिवार और समाज की संरचना को बनाए रखने के साथ साथ महिलाएं देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक, सभी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
अतिथि वक्ता के रूप में बोलते हुए सुश्री दुबे ने कहा कि स्थायी विकास का भविष्य महिलाओं की क्षमता का दोहन करने में निहित है । समावेशी वातावरण बनाकर और समान अवसर प्रदान करके, हम अधिक टिकाऊ और न्यायसंगत दुनिया का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ अल्पना तिवारी, सीएमएस एवं महाप्रबंधक, कस्तूरबा अस्पताल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विप्स के कार्यक्रम की रूपरेखा और इस संस्था की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विप्स द्वारा प्रकाशित ई-पत्रिका का लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर महिलाकर्मियों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में महिलाओं की रचनात्मकता और कलात्मक अभिव्यक्तियों को उजागर करते हुए जीवंत नृत्य प्रदर्शन, मधुर गायन सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।